राज्य सभा में कल प्रस्तुत होने जा रहे जीएसटी बिल पर देश भर के व्यापारियों की निगाहें टिकी हुई हैं और व्यापारियों की उम्मीद है की इस बार राज्यसभा से यहबिल अवश्य पारित हो जायेगा और देश की कर प्रणाली को करों के जंजाल से मुक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम आगे बढेगा -कहा कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आलइंडिया ट्रेडर्स ने ! कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी भरतिया एव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा की जीसटी राज्यसभा से पासहोने के बाद देश मे जीसटी पर एक राष्ट्रीय बहस छिड़ेगीक्योंकि जीसटी मे अनेक ऐसे प्रावधान है जो जीसटी को जटिल प्रणाली बनाते है ! भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की जीएसटी के प्रस्तावित प्रारूप में अनेक जटिल मुद्दे हैं जिनमें प्रमुख रूप से सप्लाई का स्थान, इनपुट क्रेडिट की आसानी सेउपलब्धतता, इ- व्यवस्था का अनुपालन, अनेक राज्यों में काम करने वाले लोगों को अनेक प्रकार के रजिस्ट्रेशन लेना, दूसरे व्यापारी की त्रुटि होने पर भी अन्यव्यापारी को दण्डित करना, विभाग से रिफंड का समय से मिलना, अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना, अधिकारियों को मनमाने अधिकार देना जैसे अनेक विषयहै जिनका समाधान किया जाना जरूरी है और ये सब मुद्दे सीजीएसटी, एसजीएसटी एवं आईजीएसटी के सम्बंधित कानून बनने से पहले सुलझने जरूरी है !एक सेअधिक अथॉरिटी के प्रति व्यापारियों की जिम्मेदारी कर< |