(02/08/2016) 
2016-दिव्यांग जन को समर्पित सीमा सुरक्षा बल का दिव्यांग योद्धा वर्ष
सुरक्षा की प्रथम पंक्ति-सीमा सुरक्षा बल विगत 50 वर्षों से भारत-पाक और भारत बांग्लादेश सीमाओं पर मजबूती से डटा हुआ है। दुष्मन शक्तियों से सरहदों की संपूर्ण हिफाजत करने के अलावा पंजाब के आतंकवाद निवारण सहित कष्मीर की समस्या, चुनावों और कानून-व्यवस्था की इसी प्रकार की अन्य स्थितियों से निपटने में यह बल राष्ट्र की अपेक्षाओं पर सदैव खरा उतरा है। इस क्रम में इस बल ने 2000 से भी अधिक पदक अर्जित किये हैं और कर्तव्य की वेदी पर अपने 1700 से भी अधिक बहादुर जवानों की आहुति दी है।

वर्तमान समय में इस बल में ऐसे बहुत से अधिकारी और कार्मिक हैं, जो पूरी वफादारी और बहादुरी से कर्तव्य निर्वहन करते हुए गंभीर रूप से घायल होकर दिव्यांग हो चुके हैं। अपने सार्थक प्रयासों के माध्यम से यह बल इन दिव्यांग यो़द्धाओं को समाज से जोड़े रखने  के लिये हर संभव मदद प्रदान करता है। चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ उन्हें अनुदान और सहायता प्रदान तो की ही जाती है, सेवा न कर पाने की शरीरिक स्थिति में उनके लिये  डिसएबिलिटी पेंशन का भी प्रावधान है। फिलहाल, बल में कुल 204  दिव्यांगजन  हैं,  जिन्हें भर पूर सहायता कर बल उन्हें आत्म निर्भर तो बना ही रहा है, उनमें आत्म विश्वास और गौरव का भाव भी जाग्रत कर रहा है।

कार्य के समस्त क्षेत्रों में दिव्यांग जनों की सार्वभौमिक पहुंच के हितार्थ भारत सरकारका दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग      सुगम्य भारत नामक अभियान चला रहा है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सामने आया था कि यह अभियान एक जन आंदोलन की तरह होगा जिसमें देश के सभी राज्यों के लोग सम्मिलित होंगे तथा इस के माध्यम से समाज में दिव्यांगजनों के प्रति जागरूकता पैदा की जायेगी तथा उनसे जु़ड़ाव पैदा करने के प्रयत्न किये जाऐंगे।

राष्ट्र निर्माण के कार्यों में अग्रणी रहने वाला बल सीमा सुरक्षा बल वर्ष 2016 को दिव्यांग योद्धा वर्ष  के रूप में चिन्हित करने को संकल्पित है। इसके लिये दिव्यांग योद्धा स्किलमिशन  के तहत विभिन्न गतिविधियों का कार्यान्वयन होना सुनिष्चित है।वर्षों तक चलने वाले इन विभिन्न अभियानों की शुरूआत मनाली से खारदुंगला तक एक पैरासाइक्लिंग अभियान से की जायेगी। दिनांक 05 अगस्त 2016 से 15 अगस्त 2016 तक चलने वाले इस अभियान का उद्देष्य दिव्यांगजनों को मानसिक रूप से संबल प्रदान करना है ताकि वे संकोचत्याग सामान्य जीवन जीने के अभ्यस्त बनें। इस अभियान के प्रशिक्षण अभ्यास के निर्माण के लिये सीमा सुरक्षा बल का साथ दे रही है प्रसिद्ध संस्था-आदित्य मेहता फाउंडेशन। यह संस्था दिव्यांगों के खेलों को बढ़ावा देती है, हर संभव मदद करती है और प्रशिक्षण की बदौलत एक एथलीट के रूप में निखारती है। अभियान दिनांक 05 अगस्त 2016 को मनाली, हिमाचल प्रदेश से आरंभ होगा और दिनांक 15 अगस्त 2016 को खार दुंगला (जम्मू और कश्मीर) पहुंच कर तिरंगा लहराते हुए समाप्त होगा।

आगे के सफर के लिये इस अभियान दल को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। मनाली से खारदुंगला की 583 किलोमीटर की पर्वतीय ऊँचाईयों वाले दुर्गम रास्तों की सफल यात्रा के पश्चात इस अभियान का समापन दिनांक 15 अगस्त 2016 को खारदुंगला में होगा, जहां इस अभियान की अगवानी केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरेनरिजीजू करेंगे।

सीमा सुरक्षा बल अपने दिव्यांग कार्मिकों के लिये नई दिल्ली स्थित छावला परिसर में एक दक्षता विकास संस्थान (INSTITUTE FOR SKILL DEVLOPMENT) स्थापित करने की योजना बना रहा है।इस संस्थान में मुख्यत निम्न गतिविधियां संचालित की जायेगीं-

   पैरास्पोर्टसट्रेनिंग

   कंप्यूटरस्किलडेवलपमेंट, और

   कम्युनिकेशनस्किलडेवलपमेंटकोर्स

अपने प्रयासों को सुव्यवस्थित रूप देने के लिये पहले दिव्यांग जनों को सशक्त करने की बुनियादी प्रशिक्षण आवष्यकताओं पर गहन अध्ययन किया जायेगा। इस अध्ययन से प्राप्त नई चीजों को संस्थान के प्रशिक्षण कार्यक्रममें षामिल किया जायेगा।

इस प्रयास के दौरान केवल जीवन पर्यंत कर्तव्य निभाने वाले सीमा प्रहरियों में गौरव का भाव जगेगा, बल्कि उनमें आत्म विष्वास और अपने पन की भावना का भी संचार होगा। नातो ये सीमा प्रहरी राष्ट्रीय सेवा के अपने इस महान कर्तव्य से कभी विमुख होएंगे और ना ही राष्ट्र अपनी जिम्मेवारियों का भान करते हुए उनके कल्याण से कभी पीछे हटेगा। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए सीमा सुरक्षा बल इस वर्ष को दिव्यांग योद्धा वर्ष के रूप में मना रहा है। दिव्यांग योद्धा वर्ष में यह बल अपने बहादुर जवानों और अधिकारियों,  जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिष्चित करने हेतु कुर्बानियांदीं,  उनके परिजनों के कल्याण की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।

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