(04/08/2016)
गुरु के विषय में विशेष
गुरु ग्रह , ज्ञान, शिक्षा, विस्तार व विद्वानों का प्रतीक है, , सूर्य के बाद सबसे बड़ा ग्रह माना गया गुरु को, जिसका रंग पीला है। गुरु के बारे में खास क्या है यह जानकारी दी है देश के जाने माने ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू नें, क्या है यह जानकारी इसे पढकर आप खुद अंदाजा लगा लेंगे। धरती से दूरी -36,70,00,000 मील सूर्य की परिक्रमा -लगभग एक साल तापमान- 138 डिग्री सेंटीग्रेड रंग -पीला अंक -3 राषि -धनु व मीन कर्क में -उच्च मकर में -नीच मंत्र -ओम् ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः-19000 रत्न -पुखराज दानः -पीले चावल,चने की दाल,हल्दी,पीला वस्त्र,आम केला पपीता,पीला घी,सोना, पीली मिठाई,कांस्य पात्र ,धार्मिक पुस्तकें आदि यदि गुरु अनिष्ट फल दे रहा है तो ये उपाय कष्ट कम करेंगे। 1- किसी से दान या गीफट न लें।। 2- घर के सामने गड्ढा भरें ।पीली चीजें दान करें । केसर का तिलक लगाए ! 27 वीरवार केसर का तिलक लगाएं और जरा सा केसर पीले कपडे या प्लास्टिक के छोटे पैकेट में बांध कर जेब में रखें । 3-कंजकें खिलाएं-यह मन्त्र पढे़ं- ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः । गुरू यन्त्र ताम्रपत्र पर धारण करें।- 4-बनियान पर लाल धागे से अपना नाम लिखवा लें। पीपल पर जल चढ़ाएं चलते पानी में 8 बादाम और एक नारियल पीले कपड़े में बांध कर नौ वीरवार प्रवाहित करें । वीरवार के दिन पीपल लगाएं / जल चढाएं। 5-कुत्ता पालें । गणेश पूजन करें पीपल का पेड़ लगााएं ।,फ्री कुछ न लें ।तांबे का पैसा या वस्तु दान न दें ।मंदिर/गुरुद्वारे झाड़ू लगाएं। 6- वीरवार को इन में से कोई एक चीज मंदिर या गुरुद्वारे दें / चढ़ाएं। पीले फूल, पीले फल, पीले चावल, चने की दाल, हल्दी, शक्कर, पीला घी,बेसन या बूंदी के लड्डू ,पीली बर्फी, कांसे का बर्तन, साबुत पीला नमक, सोना, धार्मिक पुस्तकें, पीले पटके, पीली पगडी, पीला दुशाला, पीली चादर रुमाले आदि। 6-बच्चों के साथ काम करें । 6 दिन 600 ग्राम दाल मंदिर दें या बहाएं । पक्षियों / मुर्गों को मक्की दें- 7-पीले कपड़े पहने साधुओं से दूर रहें ,वस्त्र दान न दें ।लाकर में जेवरों के साथ 7 बादाम रख दे । कच्चे सूत को हल्दी से रंग कर पीपल को सात बार बांधें। .सात रतके लाल कपड़े में बांध कर धनस्थान पर रखें। - 8-भिखारी को दर से खाली न जाने दें ,दान जरुर दें। 800 ग्राम चने की दाल धर्म स्थान में दें । पीपल का पेड़ लगाएं 9-धार्मिक स्थानों / तीर्थ दर्षन करें 10- 43 दिन तक चलते पानी में तांबे का सिक्का बहाएं। या 43 दिन तक ये सिक्के पीतल के बर्तन में गंगाजल भर कर डालते रहें और - 43वें दिन चलते पानी में बहा दें ,मंदिर बनवाने में दान न दें । 10 बादाम या नारियल बहाएं 11- पीले शेड के कपडे़ पहनें/ रुमाल रखें । पिता के बैड का उपयोग करें- घर में पीले फूल लगाएं। - 12-केसर का तिलक लगाएं । बड़ के पेड़ में जल चढ़ाएं । सिर पर कैप रखें या ढक के रखें - 13- सुयोग्य ज्योतिषी की सलाह से वीरवार को या पुष्य नक्षत्र में पुखराज , सुनहला, पीताम्बरी , सोने की अंगूठी में दाएं हाथ की ,तर्जनी उंगली - अंगूठे के साथ वाली, में तांबे के बर्तन में कच्चा दूध या गंगा जल, पीले पुष्पों से एवं ओम ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः मन्त्र द्वारा अभिमंत्रित करके बिना कुछ खाए पिए सूर्योदय से लेकर 11 बजे के मध्य पहना जा सकता है। - मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिषाचार्य, मकान .196, सैक्टर 20 ए, चंडीगढ़-160020. मो0- 98156-19620, फोन- 0172-2702790, 2577458 |
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