(18/08/2016) 
पीएम मोदी का अर्द्धसत्य !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अक्सर विरोधी दल गलतबयानी का आरोप लगाते हुए उन्हें फेंकू की संज्ञा से नवाजते रहे हैं। अक्सर उनके द्वारा आंकड़ेबाजी के सहारे झूठ परोसने की बात कही जाती है। 70वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी द्वारा की गई तीन तथ्यात्मक गलतियों पर सवाल उठ रहे हैं।

इसे जानकार अर्द्धसत्य बता रहे हैं। पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए बोली गई इन तीन बातों को लेकर विरोधी उन पर गलतबयानी का आरोप लगाते हुए एक बार फिर हमलावर हैं। दरअसल, 70वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एक मिनट में 15 हजार रेलवे टिकट जारी होने, गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान और दिल्ली से महज तीन सौ किलोमीटर दूर यूपी के हाथरस के एक गांव नगला फूटेला में 70 सालों बाद बिजली पहुंचने की बात कही थी। अब इसे लेकर घमासान मचा हुआ है। जानकार इसे पीएम मोदी द्वारा बोला गया एक और झूठ करार दे रहे हैं।

दरअसल, लाल किले की प्राचीर से दिए गये अपने भाषण में पीएम मोदी ने उपर्युक्त तीन चीजों का खासतौर से जिक्र किया। अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने अपने भाषण में कहा कि पहले की सरकारों ने काम जरूर किया लेकिन हमने उन कामों को गति प्रदान की है। अब सारे काम तेजी से हो रहे हैं। उदाहरण के रूप में उन्होंने दावा किया कि पहले एक मिनट में दो हजार रेलवे टिकट जारी होते थे जो अब बढ़कर 15 हजार हो गये हैं। यह सच है कि ऐसा हो रहा है लेकिन यह 2010 से ही यानी कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले से ही हो रहा है। इस तरह से देखा जाए तो पीएम मोदी का यह दावा अर्द्धसत्य है।

इसी तरह दूसरी बात पीएम मोदी ने बिजली को लेकर कही। उन्होंने कहा कि देश आजादी की 70वीं सालगिरह मना रहा है। आजादी के इन 70 सालों में भी देश के 18 हजार 475 गांवों तक बिजली नहीं पहुंची थी। उनकी सरकार आने के बाद अब जाके करीब दस हजार गांवों में बिजली पहुंचाई गई है। बाकी के गांवों में भी जल्दी ही बिजली पहुंचा दी जाएगी। साथ ही यूपी के हाथरस जिले के एक गांव नगला फटेला का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली से महज तीन घंटे की दूरी पर स्थित इस गांव में बिजली पहुंचने में 70 साल लग गये। जबकि इसके उलट गांव वालों का दावा है कि यहां एक साल से बिजली के खंभे लगे हुए हैं। उन पर तारें भी लग गई हैं। घरों में मीटर भी लग गये लेकिन अभी तक उनमें करंट नहीं दौड़ा है। इस गांव में लगभग 600 घर हैं जिनमें से 450 घरों में बिजली बिल्कुल ही नहीं आती है और जिन 150 घरों में बिजली पहुंच रही है वो भी गैरकानूनी तरीके से मिलती है।

इसी तरह गन्ना किसानों के बकाये के 99.5 परसेंट भुगतान कर दिये जाने का दावा भी जानकार झूठा ही बता रहे  हैं। प्रधानमंत्री ने किसानों का जिक्र करते हुए लाल किले से कहा कि हमारे देश के गन्ना किसान, भुगतान न होने की वजह से भुखमरी की कगार पर थे। जब मुझे पता चला कि गन्ना मिलें किसानों का बकाया नहीं दे रही हैं तो  मैंने इस पर तत्काल एक्शन लिया और मुझे इस बात का संतोष है कि अब किसानों के 99.5 परसेंट भुगतान हो चुके हैं। जबकि हकीकत इसके ठीक उलट है। अगर अकेले यूपी की ही बात की जाए तो गन्ना मिलों के पास गन्ना किसानों का 75 फीसदी से ज्यादा बकाया है। बकाया राशि पाने के लिए किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

लेखक- बद्रीनाथ वर्मा,

  Executive Editor

Early Morning, Hindi Daily 

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