(24/08/2016) 
इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत मानने वालों का स्वागत : राजनाथ
बीते 47 दिनों से कश्मीर घाटी में तनाव और अशांति के बीच शांति बहाली के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह दो दिन के कश्मीर दौरे पर श्रीनगर पहुंच गए हैं. इस दो दिवसीय दौरे में वह राज्य प्रशासन के साथ ही सभी धड़ों के नेताओं से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने की कोशि‍श करेंगे

. संभव है कि इस दौरान कुछ अहम ऐलान भी हों जबकि राजनाथ की यात्रा से ठीक पहले घाटी में 11 साल बाद फिर से बीएसएफ की तैनाती की गई. इस बीच, जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में ताजा झड़पों की खबरें हैं. पुलवामा मं सुरक्षाबलों की कार्रवाई में एक युवक की मौत हो गई. वहीं  श्रीनगर के सफा कदल इलाके में भी ताजा झड़पों की खबर है. इन झड़पों में 10 लोग घायल हुए हैं. जिसमें से एक की हालत गंभीर है.
राजनाथ सिंह के दौरे से ठीक पहले घाटी में बीएसएफ की 26 कंपिनयों की तैनाती की गई है, वहीं आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह ने मंगलवार को घाटी पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. उनके साथ उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा भी थे. कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार की मौजूदा नीति में कई बदलाव दिखाई दे रहे हैं. गृह मंत्रालय ने कश्मीर में वहां की कानून और व्यवस्था के लिए BSF को तैनात किया गया है, वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में 30 और कंपनियों की तैनाती हो सकती है.
पिछले दिनों गृह मंत्री ने कहा था कि केंद्र राज्य के साथ एक भावनात्मक रिश्ता चाहता है न कि सिर्फ जरूरत पर आधारित रिश्ता. राज्य के साथ केंद्र सतत रिश्ता रखना चाहता है. राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा था 'जहां तक भारत सरकार की बात है, मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम लोग केवल जरूरत के आधार पर संबंध नहीं चाहते हैं, बल्कि कश्मीर के साथ एक भावनात्मक रिश्ता बनाना चाहता'.
इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में विपक्ष के एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. विपक्ष ने राज्य की स्थिति पर अपनी गहरी चिंता और दुख व्यक्त किया था. पीएम ने उनसे कहा कि कश्मीर से जुड़े हर मसले का हल संवैधानिक तरीके से होगा. दूसरी ओर, मंगलवार को बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में पीएम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि राष्ट्रवाद ही बीजेपी की पहचान रही है और पार्टी उसी को लेकर आगे बढ़ेगी.
आतंकी बुरहान वानी के खात्मे के बाद कश्मीर हिंसा में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के दो जवानों ने पुलिस की नौकरी से सार्वजनिक तौर पर इस्तीफा दे दिया. वसीम अहमद और फिरदौस अहमद के मुताबिक, गांव के प्रदर्शनकारियों ने उन पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया है, इसलिए दोनों पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे रहे हैं. आतंक विरोधी कार्रवाई में एसओजी राज्य में सबसे ज्यादा प्रभावी है
देवेंद्र समाचार वार्ता
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