(02/09/2016)
कुछ अहम् मांगों को केकर 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल शुरू
मासिक न्यूनतम वेतन 18000 रुपए और न्यूनतम मासिक पेंशन के 3000 रुपए करने की मांग के चलते 10 ट्रेड यूनियनों के 15 करोड़ वर्कर्स की हड़ताल शुरू कर दी है इस देशव्यापी हड़ताल से बैंकिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और टेलीकॉम जैसी जरूरी सेवाओं पर असर पड़ेगा. हड़ताल की वजह से बैंक, सरकारी ऑफिस और फैक्टरियां बंद रहेंगी. कुछ राज्यों में स्थानीय संगठनों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है. इस वजह से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है. सूत्रोंके मुताबिक हड़ताल के दौरान पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य के साथ 15 अन्य प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया इन संगठनों की आपत्ति बीमा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश के नियमों के शिथिल करने को लेकर है. घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करने की योजना का भी श्रमिक संगठन विरोध कर रहे हैं. ट्रेड यूनियन सरकारी पेंशन फंड और स्टॉक मार्केट में अधिक पैसा लगाने के सरकार के दिशानिर्देशों का भी विरोध कर रही हैं. सेंट्रल ट्रेड यूनियन का कहना है कि यह हड़ताल सरकार की ओर से उनकी 12 मांगों के प्रति उदासीनता की वजह से की जा रही है जिसमें ये कुछ मुख्या मांगें राखी गयी हैं जैसे सातवें वेतनमान की विसंगतियों को सरकार तय समय सीमा में दूर करे, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए दिया जाए, फिटमेंट फार्मूला में बदलाव किया जाए।, न्यू पेंशन स्कीम को खत्म किया जाए।, निजीकरण, आउटसोर्सिंग, ठेकेदारी प्रथा रोकी जाए।, रेलवे और रक्षा में एफडीआई पर रोक लगे।, खाली पदों पर भर्ती की जाए, पाबंदी हटाई जाए।, ग्रामीण डाक सेवकों को विभागीय कर्मचारी माना जाए।, सबके लिए महंगाई रोकने के लिए पीडीएस उपलब्ध कराया जाए। देवेंद्र कुमार समाचार वार्ता |
Copyright @ 2019.