(03/09/2016) 
रिहाई के लिए कैदियों की भूख हड़ताल
आगरा केंद्रीय कारागार के 2,000 से ज्यादा कैदियों में से अब कुल 350 कैदी भूख हड़ताल में शामिल हो गए हैं. भूख हड़ताल शुक्रवार तक लगातार छठे दिन भी जारी रही

कैदी 14 साल की सजा पूरी होने के बाद तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं. खबरों के मुताबिक भूख हड़ताल पर बैठे करीब छह कैदी बीमार पड़ गए, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल भेजा गया. वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को कैदियों से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की मांग उठाई.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस.एच.एम. रिजवी ने कहा कि उनकी मांग सरकार को बता दी गई है और इस पर जल्द फैसला लिए जाने की संभावना है.
इस बीच, कुछ कैदियों ने हड़ताल खत्म करने के लिए उन पर दबाव बनाए जाने की बात कही है. लेकिन उन्होंने कहा कि वे अपनी मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे.
सेंट्रल जेल में रिहाई के लिए भूख हड़ताल कर रहे 100 कैदियों में से 30 की हालत गुरुवार को और बिगड़ गई. जेल के डाक्टर ने इनका चेकअप किया. उधर इनके समर्थन में 250 और कैदियों ने रिहाई की मांग उठाई है. इसके चलते जेल प्रशासन के अफसर टेंशन में हैं.
कैदियों को मनाने की तमाम कोशिशें फेल हो चुकी हैं. जेल में कुल 2000 कैदी हैं. इनमें उम्र कैद की सजा पाए 350 ऐसे कैदी हैं, जो 14 साल या इससे अधिक की सजा काट चुके हैं. सभी रिहाई की मांग कर रहे हैं. इनमें से पहले 20 ने खाना छोड़ा. इसके बाद संख्या बढक़र 100 हो गई. अन्य कैदी भूख हड़ताल पर नहीं हैं लेकिन धरने पर बैठे हैं.
बुधवार को कई कैदियों की हालत बिगड़ गई थी. गुरुवार को भी इन्होंने खाना नहीं खाया था. इससे उनकी तबीयत और खराब हो गई. अधिकारियों ने इनसे बात की लेकिन नहीं माने. यह कैदी आगरा, अलीगढ़, सहारनपुर, मेरठ और मुरादाबाद मंडल के हैं.
रिहाई के लिए हड़ताल कर रहे कैदियों में से 104 की लिस्ट तैयार हो गई है. यह रिहाई के लिए फार्म ए भरकर गुजारिश पहले ही कर चुके हैं लेकिन इस पर गौर नहीं किया गया था
देवेंद्र कुमार समाचार वार्ता 
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