(15/10/2016) 
परमसंत बाबा जयगुरुदेव के समागम में मची भगदड़, 15 महिलाओं समेत 19 लोगों की मौत
नई दिल्ली: वाराणसी में एक समागम में भगदड़ मचने से 15 महिलाओं समेत 19 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए. जानें कौन हैं जयगुरुदेव जिनके समागम में शामिल होने हजारों की संख्या में आए थे लोग?

परमसंत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज को ही बाबा जयगुरुदेव जी महाराज कहा जाता है. जयगुरुदेव का जन्म यूपी में हुआ था. इनके पिता जमींदार थे. बचपन में ही इनकी मां-बाप की मृत्यु हो गई थी.
7 साल की उम्र में जयगुरुदेव ने अपना घर छोड़ दिया था. इनके गुरु पंडित घूरेलाल जी शर्मा थे जो कि अलीगढ़ के चिरौली गांव के ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे. जयगुरुदेव ने धर्म और आस्था की नगरी वाराणसी में 1952 से प्रवचन देना शुरु किया था. जय गुरुदेव का निधन 18 मई 2012 को हुआ था.
परम संत के नाम से पुकारने जाने वाले बाबा जय गुरुदेव 1952 से आध्यात्म का प्रचार-प्रसार करते रहे हैं. उनका नारा था ‘जयगुरु देव, सतयुग आएगा’. दुनिया को सतयुग में लाने के लिए उन्होंने करोड़ों लोगों को अपना शिष्य बनाया था.
आपको बता दें कि धर्म प्रचारक संस्था जयगुरुदेव, मथुरा की ओर से बनारस में गंगा तट पर आज संगत समागम का आयोजन किया गया था जिसमें देशभर से जय गुरुदेव के हजारों शिष्य़ों का जमघट शुक्रवार से ही लगना शुरु हो गया था.
कल से ही रेलवे स्टेशन और बस अड्डों से लोगों के आने का तांता बराबर लगा हुआ था. इसके चलते जयगुरुदेव आश्रम, कटेश्वर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में मेला लग गया था जो हर वक्त बढ़ता जा रहा था.
गौरतलब है कि जयगुरुदेव की संस्था के द्वारा पहले से ही 15 अक्टूबर 2016 को वाराणसी में शाकाहार और नशामुक्त प्रचार पद्यात्रा निकाले जाने की योजना थी. जिसमें देशभर से जयगुरुदेव के शिष्यों को भारी संख्या में इस पदयात्रा में सम्मिलित होकर समाज के सभी वर्गों को अखाद्य मांसाहार और नशे के विरुद्ध जागरूक करने के लिए बुलाया गया था.
इसी क्रम में 16 अक्टूबर को दोपहर एक बजे विशाल सत्संग भी आयोजित होगा, जिसमें जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज जी महाराज, जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक सन्देशों को सुनायेंगे
देवेंद्र कुमार समाचार वार्ता
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