(15/11/2016) 
केन्द्रीय भंडार बना ब्लैक मनी को वाइट करने का माध्यम
मंगलवार 8 नवंबर देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधी रात से 500 और 1000 के नोटों के बंद होने की घोषणा की थी। यह घोषणा ब्लैक मनी पर अंकुश लगाने के लिए पीएम मोदी नें की।

ब्लैक मनी पर ही अंकुश लगाने के लिए 4 हजार रुपये बैंक से बदलने को कहा, जिससे बैंको पर लंबी कतार लग गई, और फिर अब 4500 रुपये बैंक से कोई भी बदलवा सकता है अपना आई डी प्रूफ देकर, साथ ही बैंक से 10 हजार रुपये भी निकाल सकते हैं।  इस सब से वो लोग परेशान हो गए जिनके पास काला धन था। 
लेकिन सरकार नें लोगों की परेशानी को देखते हुए रोजमर्रा की वस्तूएं खरीदने के लिए केन्द्रीय भंडार पर भी पुराने नोट चलाने को कहा। आम आदमी तो अपने घर की जरुरत के अनूसार सामान खरीद रहा है, लेकिन इसका फायदा भी कुछ काले धन वाले और व्यापारी भी उठा रहै हैं. वो कई कई हजार रुपये की खरीद कर रहै हैं, सूत्रों की माने तो उनका कहना है की वो इसी रेट पर भी सामान बेच देंगे तो उनका पैसा सफेद हो जाएगा। 
इस पर जब समाचार वार्ता नें केन्द्रीय भंडार के जन संपर्क अधिकारी त्रृषि माथूर से बात की तो उन्होने कहा की उनको कोई आदेश नही है, ग्राहक जितना चाहे सामान खरीद सकता है। इसके बाद हमने प्रबंध निदेशक आर के सिंह से बात की तो उनका भी यही कहना था की उन्हे कोई हिदायत नही  है, ग्राहक को कितने का सामान देना है,केवल ग्राहक अपना पहचान पत्र की फोटो कॉपी जमा कर दें और पुराने 500 और 1 हजार के नोट से सामान खरीद सकते हैं, लेकिन केन्द्रीय भंडार को सामान खरीदने की सीमातय करनी चाहिए थी जिससे, ब्लैक मनी वालों को बढावा ना मिले।
गरीब आदमी को तो इसका फायदा है लेकिन इसका दूरुपयोग वो लोग ज्यादा कर रहे हैं जो अपने काले धन से कई कई हजार की खरीद कर रहें हैं, अब देखते हैं सरकार का इस और ध्यान कब जाता है। सोमवार की शाम सुषमा नें बताया की वो दोपहर 1 बजे से लाइन में लगी थी जब उनका बिल के लिए नंबर आया तो उन्हे कहा गया की वो सामान रख जाएं और कल आकर बिल बनवा लें, जब उन्होने इसकी सूचना पुलिस को दी तब जाकर उन्हे सामान दिया गया। केन्द्रीय भंडार पर काम करने वाले कर्मचारीयों की संख्या भी कम है जिससे वहां काफी परेशानी हो रही है, लोगों को जैसे जैसे पता चल रहा है वैसे ही भीड भी केन्द्रीय भंडार पर बढती जा रही है।
राजीव निशाना
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