(16/11/2016) 
भारत अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में ‘हुनर हाट’
बिजली एवं कोयला राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल, अल्‍पसंख्‍यक मामलों के राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने विदेश मामलों के राज्‍य मंत्री एम.जे. अकबर के साथ आज भारत अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में ‘हुनर हाट’ का उद्घाटन किया।

यह हाट राजधानी के प्रगति मैदान में आयोजित भारत अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेलेे में पहली बार अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस ‘हुनर हाट’ में देश के कोने-कोने से पारंपरिक कला और कौशल का प्रदर्शन करने के लिए 184 शिल्‍पकार 100 मंडपों में भाग ले रहे हैं।

इस मौके पर बिजली एवं कोयला राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह पारंपरिक भारतीय कला एवं हस्‍तशिल्‍प का अनूठी प्रदर्शनी है। हमारे शिल्‍पकारों की समृद्ध परंपराओं एवं संस्‍कृति की संरक्षण करना हमारा कर्तव्‍य है। श्री गोयल ने कहा कि अल्‍पसंख्‍यक मामलोंं के मंत्रालय द्वारा किए गए अच्‍छे कार्यों को देख कर प्रसन्‍न्‍ता होती है।

विदेश मामलों के राज्‍य मंत्री श्री एम.जे. अकबर ने कहा कि ‘हुनर हाट’ के जरिए जीने की कला आजीविका की कला में शामिल हो गई है। यह हमारे राष्‍ट्र के लोगों की सच्‍ची प्रतिभा है, जो उन्‍हें विरासत में मिली है। यह प्रतिभा की झलक इतिहास के जरिए हमारे भविष्‍य में भी मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि इस प्रदर्शनी ने इन शिल्‍पकारों को इतना बड़ा बाजार उपलब्‍ध कराया है।

इस मौके पर अल्‍पसंख्‍यक मामलों के राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा ‘हुनर हाट’ का उद्देश्‍य अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के शिल्‍पकारों को उनके उत्‍पादों की प्रदर्शनी को समर्थन देना तथा घरेलू व अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार उपलब्‍ध कराना है। इस प्रदर्शनी ने देश भर के अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के शिल्‍पकारों को घरेलू एवं अंतर्राष्‍ट्रीय दर्शकों के समक्ष अपना कौशल तथा कला का प्रदर्शन करने का अद्भुत प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध कराया। ‘हुनर हाट’ में देश के 26 राज्‍यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के बेहतरी शिल्‍पकार हिस्‍सा ले रहे हैं। यह प्रदर्शनी अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्रालय के राष्‍ट्रीय अल्‍पसंख्‍यक विकास एवं वित्‍त निगम (एनएमडीएफसी) द्वारा उस्‍ताद कार्यक्रम के तहत राजधानी के प्रगति मैदान हॉल नम्‍बर 14 में आयोजित की गई।

नकवी ने इस ‘हुनर हाट’ की विशेषता बताते हुए कहा कि इसमें भाग लेने वाले शिल्‍पकारों के लिए नि:शुल्‍क मंडप की व्‍यवस्‍था की गई है तथा मंत्रालय ने इन शिल्‍पकारों के आने-जाने तथा सामान ढुलाई तथा दैनिक खर्चे का भी वहन किया है। इससे देश के गरीब लेकिन कला एवं हुनर में सम्‍पन्‍न शिल्‍पकारों को अंतर्राष्‍ट्रीय प्‍लेटफॉर्म पर अपनी कला एवं कौशल को प्रदर्शित करने में मदद मिली है।

इस प्रदर्शनी में पूर्वोत्‍तर राज्‍यों से केन एवं बांस की कृति, उत्‍तर प्रदेश से वस्‍त्र एवं कशीदाकारी, पीतल की कलाकृति, कपड़ों पर जरदोई का काम, दक्षिणी राज्‍यों से चंदन की लकड़ी एवं अन्‍य लकड़ियों की कलाकृतियां, बिहार-झारखंड से हस्‍तशिल्‍प, पश्‍चिम बंगाल-ओडिशा से एलुवेरा, नीम और तुलसी इत्‍यादि से बने उत्‍पाद शामिल हैं। इसके अलावा राजस्‍थान, गुजरात, जम्‍मू एवं कश्‍मीर के भी शिल्‍पकार हिस्‍सा ले रहे हैं।

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