(17/11/2016) 
क्यों नहीं बता सके ज्योतिषी कि 500 और 1000 के नोट बंद होने वाले हैं ?
सोशल मीडिया में नोट बंद होने से उत्पन्न स्थिति के बाद अत्यंत गंभीर चर्चाओं के साथ साथ कार्टून, हास परिहास, गाली गलौज, बैंक की लाईनों से त्रस्त लोग, संसद के हंगामे, राजनेताओं के आरोपों, प्रत्यारोपों के बीच ज्योतिषियों पर भी प्रहार होते रहे कि देश में 50 लाख ज्योतिषी हैं

 परंतु किसी को इसका पूर्वाभास क्यों नहीं हुआ और नास्त्रेदमस की तरह किसी ने इसकी भविष्यवाणी क्यों नहीं की ? 
किन्तु यदि आप विभिन्न पंचांगों की भविष्यवाणियों पर नजर डालें तो आप को मानना पड़ेगा कि वैदिक ज्योतिष सदा ऐसी परिस्थितियों से जन साधारण को आगाह करता रहा हैै। आप उसे मजाक मान कर हलके में लेते रहे।
सर्वप्रथम हम जिक्र करेंगे तमिलनाडु के दुर्मुखी पंचांगम का जिसमें 2016 के आरंभ में ही लिखा है कि इस वर्ष बैंकों में अत्याधिक परिवर्तन होंगे और काले धन को अलग कर दिया जाएगा। कर विभाग को करोड़ों रुपये प्राप्त होंगे।
उत्तर भारत के कई पंचांगों में लिखा हुआ है कि यदि कार्तिक पक्ष की संक्रांति रविवार को पड़े तो  समाज में संताप, क्लेश तथा अर्थनाश होगा। यह दिन था 16 अक्तूबर जब कार्तिक संक्राति आरंभ हुई। इसके अलावा एक अन्य सूत्र यह भी है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा के दिन 3 प्रहर तक भरणी नक्षत्र पड़े तो 3 महीने तक धन का अभाव रहेगा । अब यह हालत 31 मार्च ,2017 तक मान के चलिए या बजट तक अन्य परिवर्तनों के लिए तैयार रहिए।
      अब बात करते हैं जालन्धर से प्रकाशित मुफीद आलम जंत्री और पंचांग की जो वर्ष 2016 के लिए , 2015 में दीवाली से भी पहले प्रकाशित हो गई थी। इसके पृष्ठ 83 पर सपष्ट लिखा है कि 2015 से 2017 तक गुरु केंद्र व त्रिकोण भावों में संचार करने से प्रधानमंत्री को विश्व के प्रमुख नेताओं में माना जाएगा। विश्व के सभी विकसित एवं विकासशील देश भारत से मैत्री और संवाद के लिए उत्सुक एवं तत्पर रहेंगे।
6 मार्च 2016 के बाद चंद्र मध्ये शनि की अन्तर्दशा स्वयं प्रधानमंत्री व केंद्रीय सरकार के लिए संर्घषमयी एवं समय अग्नि परीक्षा वाला रहेगा। अनेक सामरिक, आर्थिक निर्णयों के कारण यद्यपि उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ेगा परंतु देश के दीर्घकालीन स्वास्थ्य के एवं प्रगति के लिए विशेश प्रबुद्ध वर्ग द्धारा प्रशंसा की जाएगी।
आज नोट बंद होने , काले धन पर शिंकजा कसने तथा नई आर्थिक नीतियों पर न केवल प्रबुद्ध वर्ग अपितु एक आम आदमी भी इसके दूरगामी परिणामों से प्रसन्न है भले ही एक वर्ग खिन्न है।
इसके अलावा पृष्ठ 35 पर लिखा है कि 8 नवंबर को बुध वृश्चिक राशि में आकर शनि के साथ मेल करेगा। बुध अस्त है। व्यापारी ध्यान रखें। बुध व शनि का योग जबरदस्त मंदा करेगा। आपने देखा कि इस अवधि में बाजार खाली पड़े हैं । अमीर रातों रात सड़क पर आ गए। आम आदमी भी अपने पैसे के लिए धक्के खाने लगा।
8 अंक की भूमिका 
क्या थी ग्रहों की स्थिति 8 नवंबर , 2016 की रात 8 बजे जिसने भारत में आर्थिक आपातकाल खड़ा कर दिया ?
जिस समय नोट बंद होने की घोषणा प्रधान मंत्री ने की , उस दिन तारीख थी 8 और हिन्दी तिथि भी अष्टमी अर्थात 8, और समय भी 8 बजे और दिन भी मंगलवार जो वैदिक ज्योतिष में आठवीं राशि का परिचायक भी है। यहां यह भी उल्ल्ेखनीय है कि मोदी जी की जन्म तिथि भी 17 अर्थात 8 है। उनका जन्म 17 सितंबर , 1950 को प्रातः 11 बजे मेहसाना में हुआ था। उनकी कुंडली भी 8 नंबर यानी वृश्चिक लग्न की है। उन्होंने शपथ ग्रहण भी 26 मई,2014 को किया अर्थात अंक 8 ही था। कहने का तात्पर्य यह है कि यहां ज्योतिषीय संयोगों को मानना ही पड़ेगा कि एक महत्वपूर्ण फैसला जिससे एक मिनट में पूरा देश त्राहि त्राहि कर उठे , कुछ विशेष ग्रह चक्रों वाला तो होगा ही। और सरकार के चाणक्यों में किसी एक महारथी को ज्योतिष का पूर्ण ज्ञान और इसमें विश्वास अवश्य होगा जिसने सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख से लेकर नोट बंद करने के महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए केवल 8 का अंक ही चुना या चुनवाया।
 राजनीतिज्ञ भले ही उपर से ज्योतिशशास्त्र का उपहास उड़ाते हों परंतु चुनाव आते ही बड़े बड़े नास्तिक भी  रात के अंधेरों में ज्योतिषियों के चक्कर   लगाते अवश्य हैं भले ही फिर ज्योतिष का मजाक उड़ाने वाले बाबा रामदेव के भ्राता श्री रामभरत को पंतंजलि का प्रशासनिक कक्ष वास्तु के अनुसार ही क्यों न बनाना हो।
       इस दिन 8 बजे रात्रि, मिथुन लग्न, कुंभ राशि, सूर्य नीचस्थ, सूर्य व  बुध साथ साथ और धन का स्वामी गुरु कन्या राशि में है। इसके अलावा गोचर में पूर्ण कालसर्प योग है जो भारत की कुंडली में 15 अगस्त 1947 को भी था। ज्योतिषीय सूत्र के अनुसार , जिसकी कुंडली में कालसर्प योग होता है और गोचर में भी आ जाए तो उस जातक के जीवन में उस अवधि में दोनों ही तरह का सकारात्मक एवं नकारात्मक  किन्तु अभूतपूर्व परिवर्तन होता है। इसी लिए इस तरह का अच्छा व बुरा परिवर्तन देश के जीवन में भी हो रहा है। इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण दुर्योग शनि का अपने शत्रु ग्रह मंगल की राशि वृश्चिक में पिछले लगभग ढाई वर्षों से बैठना भी देश में अराजकता, देश द्रोह, शत्रुओं के आक्रमण, आपात कालीन जैसी हालत और प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा देता है। यह नाजुक हालत 26 जनवरी,2017 तक चलेगी  जब शनि धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
     स्मरण रहे कि बैंकों का राष्ट्र्ीयकरण 19 जुलाई , 1969 को किया गया था जो भारत की बैंकीय प्रणाली  और अर्थव्यवस्था में एक अभूतपूर्व कदम था जिससे देश की बेैंकिंग व्यवस्था ही बदल गई और बैंकों ने गरीबों के उत्थान में विशेष भूमिका निभाई। इस दिन भी सूर्य तथा बुध  एक साथ थे और गुरु कन्या राशि में थे। आठ नवंबर को भी सूर्य -बुध एक साथ थे और गुरु उसी कन्या राशि में।  गुरु यहां धन का प्रतीकात्मक  ग्रह है। ज्योतिष का यह प्रामाणिक संयोग यह इंगित करता है कि आने वाले समय में बैंकों का सशक्तिकरण अवश्यंभावी है।
2017 का साल , भारत के लिए, 2016 के मुकाबले और  अधिक अच्छा रहेगा जिसमें राजा मंगल और मंत्री गुरु होगा। 

क्या कहा था  फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने ?
450 साल पहले नास्त्रेदमस ने कहा था कि 2014 से 2026 के मध्य भारत का प्रतिनिधित्व एक अधेड़ आयु का व्यक्ति करेगा । वह भारत के साथ ही साथ पूरी दुनिया में एक नया अध्याय लिखेगा। इस आदमी से आरंभ में लोग बहुत ही नफरत करेंगे लेकिन बाद में जनता और बाकी लोग बहुत प्यार देंगे। वह भारत की दशा और दिशा दोनों बदल देगा।
यहां यह भी आज के संदर्भ में उल्लेखनीय है कि नास्त्रेदमस ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्र्ंप के राष्ट्र्पति बनने की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। अब भारत की आगामी भविष्यवाणी  नास्त्रेदमस के संदर्भ में हम पाठकों पर ही  छोड़ते हैं।
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, 196 सैक्टर 20 ए, चंडीगढ़ .160020
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