(19/11/2016) 
युवा निर्देशकों को लुभा रही है झारखण्ड फ़िल्म पॉलिसी
नई दिल्ली। भारत में फ़िल्म निर्माण का नाम आते ही आमतौर पर सबसे पहले बॉलीवुड और साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री का नाम दिमाग में आता है। लेकिन समय के साथ.साथ अब भारत के विभिन्न राज्यों ने भी अपने यहाँ न सिर्फ फ़िल्म निर्माण के दरवाजे खोल दिए हैं बल्कि वे अपने राज्यों में फ़िल्म की शूटिंग पर अनुदान भी दे रहे हैं।

 व्यापार मेले में झारखण्ड पवेलियन में झारखण्ड सरकार की और से प्रचारित की जा रही झारखण्ड फ़िल्म पॉलिसी युवा निर्देशकों को ख़ासा आकर्षित कर रही है।
प्रगति मैदान में जारी 36वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखण्ड पवेलियन में इन दिनों युवा फ़िल्म उद्यमियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका प्रमुख कारण है पवेलियन में प्रचारित की जा रही झारखण्ड फ़िल्म पॉलिसी। झारखंड के जनसम्पर्क अधिकारी प्रभात मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार की फ़िल्म पॉलिसी के तहत क्षेत्रीय भाषाओँ की फिल्मों को प्रोत्साहन मिला है। इसके चलते अब बॉलीवुड की नामचीन हस्तियां भी राज्य में फिल्मों की शूटिंग के लिए उत्साहित नजर आ रही हैं। हाल में रिलीज़ हुई नीरज पाण्डेय की ब्लॉकबस्टर फ़िल्म श्एमएस धोनीश् के एक बड़े हिस्से की शूटिंग भी झारखण्ड में की गई थी।
प्रभात मिश्रा ने बताया कि फ़िल्म पॉलिसी के तहत झारखण्ड में फ़िल्म की शूटिंग करने पर दो करोड़ रुपए तक के अनुदान की घोषणा की गई है। जबकि राज्य के पर्यटन स्थलों पर फ़िल्म निर्माण के लिए 50 लाख रुपए के अनुदान की भी नीति बनाई गई है। जल्द ही राज्य में एक फ़िल्म सिटी का निर्माण भी किया जाएगा। झारखण्ड फ़िल्म बोर्ड का प्रमुख मशहूर अभिनेता अनुपम खेर को नियुक्त किया गया है। तकनीकी सलाहकार बोर्ड में चर्चित अभिनेता एवं सांसद मनोज तिवारीए पायल कश्यपए स्टेफी टेरेसा मुर्मू और डॉण् नेहा तिवारी को शामिल किया गया है। शुक्रवार को झारखण्ड के प्रधान स्थानिक आयुक्त झारखण्ड भवन डॉण् डी के तिवारी ने भी पवेलियन का जायज़ा लिया।

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