(08/12/2016) 
संस्कारों से परिपूर्ण बच्चों से ही होगा देश और संस्कृति का उद्धार- मुन्ना शुक्ला
दिल्ली, 8 दिसम्बर 2016 | आज सांयकाल दिल्ली स्थित शाह आडीटोरियम में सरस्वती कला केंद्र के बच्चों ने राष्ट्र भक्ति से भरे संगीत और नृत्य के कार्यक्रमों के माध्यम से देशवासियों को भारतीय सांस्कृतिक परम्पराओं का जोरदार सन्देश दिया |

इस अवसर पर प्रसिद्ध कत्थक गुरु पदम् विभूषण  बिरजू महाराज के भांजे कत्थक गुरु मुन्ना शुक्ला ने कहा कि संस्कारों से परिपूर्ण बच्चों से ही देश और संस्कृति का उद्धार संभव है | उच्च शिक्षा के होने के बावजूद यदि बच्चों में संस्कार नहीं हैं तो वह बालक अपने परिवार, समाज और देश के प्रति सुसभ्य और संस्कारी नागरिक शायद ही बन पायेगा | इसलिए आज सरस्वती कला केंद्र जैसे संस्थानों की आवश्यकता है जो निश्वार्थ भाव से संगीत और नृत्य के द्वारा बच्चों में राष्ट्र और संस्कृति के प्रति समर्पण का भाव भर रहे हैं |

इस अवसर पर संस्था के संगीत गुरु भूषण त्रिपाठी व उनकी धर्मपत्नी प्रसिद्ध कत्थक गुरू श्रीमती वीना त्रिपाठी ने कहा कि उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य बच्चों में सांस्कृतिक विधाओं के माध्यम से देश और संस्कृति के प्रति जागरूकता का भाव पैदा करना है |

दीप प्रजव्वलन के साथ ही सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ उसके पश्चात् शिव स्त्रोत्र, देश भक्ति गीत और संगीत की शिक्षा के रूप में सबक की प्रस्तुति द्वारा बच्चों ने सभी का मन मोह लिया | मधुर और रवीश त्रिपाठी के देशभक्ति गीतों से हॉल वन्देमातरम से गूंज उठा |

प्रसिद्ध संगीत गुरु  एस. के. गोस्वामी, समाजसेवी  सत्यदेव गोयल, बांसुरी वादक पंडित  राजेंद्र प्रसन्ना, संगीतकार  सुरेन्द्र कुमार, प्रयाग संगीत सम्मलेन के उप रजिस्ट्रार  प्रदीप श्रीवास्तव व  ब्रजेश पाण्डे ने भी इस अवसर पर बच्चों को आशीर्वाद दिया | रजत शर्मा और ज्योत्स्ना ने कार्यक्रम का संचालन किया |

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