(12/11/2016) 
मंत्रालय समुदाय रेडियो स्‍टेशनों की स्‍थापना के लिए उत्‍तर पूर्वी राज्‍यों को 90 फीसदी सब्सिडी एवं अन्‍य राज्‍यों को 75 फीसदी सब्सिडी उपलब्‍ध कराएगा : वेंकैया नायडू
सुदूरदर्शन उत्‍तर पूर्वी राज्‍यों के लिए अरुण प्रभा चैनल आरंभ करेगाशासन के लिए केंद्र एवं राज्‍यों के बीच सहयोग अपरिहार्य : कर्नल राठौर


 

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री वेंकैया नायडू ने अपनी समापन टिप्‍पणियों में घोषणा की कि समुदाय रेडियो स्‍टेशनों की स्‍थापना के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय उत्‍तर पूर्वी राज्‍यों को 90 फीसदी सब्सिडी एवं अन्‍य राज्‍यों को 75 फीसदी सब्सिडी उपलब्‍ध कराएगा। समुदाय रेडियो स्‍टेशन एक असाधारण माध्‍यम है जो स्‍थानीयकृत भाषाओं (कंटेंट) में सूचनाओं का प्रसार करता है। उन्‍होंने इसका जिक्र भी किया कि जनवरी के पहले पखवाड़े में दूरदर्शन उत्‍तर पूर्वी राज्‍यों के लिए अरुण प्रभा चैनल आरंभ करेगा। यह चैनल स्‍थानीय संस्‍कृति की समृद्धि,विविधता एवं अनेकता को प्रदर्शित करेगा तथा उत्‍तर पूर्वी राज्‍यों को समस्‍त भारत से एकीकृत करने का समेकित प्रयास करेगा।

श्री वेंकैया नायडू ने आगे बताया कि भारत सरकार सूचना एवं संप्रेषण के प्रसार प्रचार की दिशा में एक व्‍यापक एवं समेकित दृष्टिकोण के लिए राज्‍यों के परामर्श से एक राष्‍ट्रीय सूचना एवं संचार नीति का निर्माण करेगी। राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कारों में सर्वाधिक फिल्‍म अनुकूल राज्‍य का पुरस्‍कार समावेशित किए जाने के बारे में बोलते हुए उन्‍होंने कहा कि राज्‍यों को इस पहल पर फोकस करना चाहिए क्‍योंकि इससे न केवल राजस्‍व में बढोतरी होगी बल्कि यह राज्‍य में पर्यटन को भी बढावा देगा। इस परिप्रेक्ष्‍य में आज पहले उन्‍होंने सर्वाधिक फिल्‍म अनुकूल राज्‍य के पुरस्‍कार के लिए एक करोड़ रुपये के नकद पुरस्‍कार की भी की ।

इससे पहलेइस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्‍य मंत्री कर्नल राज्‍यवर्द्धन राठौर ने कहा कि सुशासन के लिए केंद्र एवं राज्‍यों के बीच सहयोग अपरिहार्य है और देश के विकास की गाथा लिखने के लिए टीम इंडिया के रुप में आगे बढ़ने की जरुरत है। सूचना का प्रसार एवं फीडबैक का विश्‍लेषण संचार परिदृश्‍य की समग्र प्रक्रिया का एक महत्‍वपूर्ण तत्‍व है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्‍य मंत्री कर्नल राज्‍यवर्द्धन राठौर आज नई दिल्‍ली के विज्ञान भवन में 28वें राज्‍य सूचना मंत्रियों के सम्‍मेलन को संबोधित कर रहे थे।

इसे और अधिक स्‍पष्‍ट करते हुए उन्‍होंने कहा कि सूचना का संग्रह एवं उसका प्रसार एक अनवरत प्रक्रिया है और केंद्र तथा राज्‍यों को एक ऐसी पारिस्थितिकी प्रणाली के सृजन के लिए एकजुट होने की आवश्‍यकता है जो नागरिकों को प्रबुद्ध बनाने में सक्षम हो।

सूचना के प्रसार की प्रक्रिया में सरकारी प्रसारणकर्ता की भूमिका के बारे में जानकारी देते हुए कर्नल राठौर ने कहा कि दूरदर्शन एवं आकाशवाणी को न केवल भौगोलिक रूप से लोगों से जुड़ने की आवश्‍यकता है बल्कि उन्‍हें सामग्रियों एवं कार्यक्रमों पर भी फोकस करने की जरुरत है। उन्‍होंने मीडिया इकाइयों तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत प्रशिक्षण संस्‍थानों द्वारा किए जा रहे कार्यकलापों का भी जिक्र किया।    

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