(01/01/2017) 
30/12/2016: राजस्थान ,जालोर
राजस्थान राज्य के जालोर जिले के उम्मेदाबाद गांव में एक ओर जहाँ शिविरा पंचांग के अनुसार सरकारी नियमों की खुले आम उड़ रही हैं धज्जियाँ ,सरकारी नियमों के अनुसार विधालय बंद हैं

लेकिन जालोर जिले के  उम्मेदाबाद गांव में  एक प्राइवेट विधालय बाल संस्कार माध्यमिक विद्यालय शुरू , बच्चों का अध्ययन जारी , जिला शिक्षा अधिकारी ( डी ई ओ ) मेहरबान । प्रशासन जानते हुए भी बैखौफ की तरह अनजान , और ऊपर से विधालय व्यवस्थापक ने पत्रकार के साथ की बदसलूकी , और दादागिरी का रौब जमाते हुए नहीं करने दिया कवरेज  ।
राजस्थान के जालोर जिले के उम्मेदाबाद गांव में हाल ताजा मामला देखने को मिल रहा हैं ,  की खुले आम उड़ रही है , सरकारी नियमों की धज्जियाँ , सरकारी नियमानुसार सभी विधालय बंद हैं , लेकिन जालोर जिले का यह उम्मेदाबाद गांव स्थित बाल संस्कार माध्यमिक विद्यालय अवकाश के बाद भी खुले आम चल रहा हैं, हो रहा हैं प्राइवेट शिक्षकों का शोषण ।  खुले आम पढाई हो रही हैं, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी जालोर दिनेश्वर राजपुरोहित उन पर मेहरबान । प्रशासन यह सब जानते हुए भी अनजान । और ऊपर से विधालय व्यवस्थापक प्रदीप कुमार श्रीमाली ने जब  संवाददाता  कान्ति लाल मेघवाल इस का कवरेज करने गये , तब उनके साथ की गयी बदसलूकी  और दादा गिरी का रौब जमाते हुए यहाँ तक कह डाला की   "तू  कौन होता हैं , कवरेज करने वाला , यह मेरा आवास हैं ।अगर उसने इस प्रकार से बोला तो फिर वहां पर विद्यालय संचालित क्यों किया जा रहा हैं? एक सवाल यहाँ भी खड़ा होता हैं , की क्या एक आवास मैं विधालय संचालित कर सकते हैं ? अगर नहीं तो उन पर  डी ई ओ हकीकत में मेहरबान। नहीं तो डी ई ओ को कार्यवाही करनी होगी । फिर हमारे जिला संवाददाता जालोर  कान्ति लाल मेघवाल जब जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश्वर राजपुरोहित से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड दिया की उस पर कार्यवाही करेंगे , आखिर उस विधालय पर कार्यवाही होती है , या नहीं? यह तो समय ही बताएगा । या फिर डी ई ओ की मिली भगत से विधालय संचालित हो रहा हैं ?  जब एक लोक तंत्र का चौथा स्तम्भ या यूं कहे की लोक तंत्र का चौथा प्रहरी कहा  जाये तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं हैं ।जब इस प्रकार की  उसके साथ घटना होती हैं ,तो फिर स्पष्ठ रूप से यह जाना जा सकता हैं , की एक आम नागरिक के साथ क्या बीतती होगी ? इस बात से यह साबित हो सकता हैं। एक मीडिया  पत्रकार कान्ति लाल मेघवाल स्वतन्त्र होते हुए भी उसको इस प्रकार से मुसीबतों का सामना करना पड़ता हैं।   जालोर से रफ़्तार न्यूज़ एवम् प्रजा तंत्र का स्तम्भ जिला संवाददाता कान्ति लाल मेघवाल की विशेष रिपोर्ट बयान करती हुई।
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