(04/02/2017) 
केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट
दिल्ली, 3 फरवरी। केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट देश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक है। बजट में व्यापारियों और उद्योगों की अहम जरूरतों का कोई प्रावधान नहीं है।

ये बात राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कही। उन्होंने कहा कि मंदी एवं विकसित देशों की चुनौतियों से जुझते देश के लघु एवं मझले उद्योगों के लिए बजटीय प्रस्तावों में निराशा के अलावा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाईल उद्योग शुल्कों में भी वित्त मंत्री ने कोई राहत नहीं दी है। बुवानीवाला ने कहा कि देश के उद्योग सस्ते आयात से परेशान है, लेकिन सरकार ने आयात शुल्क को नहीं बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया का नारा देने वाली भाजपा सरकार के वित्त मंत्री को बजट में आयात शुल्क बढ़ा कर घरेलू व्यापार और उद्योगों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सरकार फार्मा सेक्टर के नियमन को लेकर जो उम्मीदे थी उसे भी पुरा नहीं कर पाई है। बुवानीवाला ने कहा कि सरकार की तरफ से घोषणा की गई थी कि वर्ष 2020 तक भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बनाया जाएगा। लेकिन बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो घरेलू उद्योग-धंधों का बढ़ावा दे सकें। उन्होंने कहा कि ये बजट व्यापारी वर्ग की मुश्किले बढ़ाने वाला है। व्यापारी वर्ग को उम्मीद थी कि आयकर की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रूपऐ तक किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। छोटे एवं मझले दुकानदार डिजीटल भुगतान की स्थिती में कोई शुल्क न वसूले जाने की मांग कर रहे थे। बजट में उसकी भी अनदेखी की गई है। बुवानीवाला ने कहा कि वित्त मंत्री का यह बजट लघु एवं मझले उद्योगों की कमर तोड़ देगा।
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