(04/02/2017) 
पंचायती राज संस्थाओं को बजट आवंटित करने की मांग।
शिमला के सांसद वीरेन्द्र कश्यप ने केन्द्र सरकार से हिमाचल प्रदेश में ब्लाक समितियों तथा जिला परिषदों को पर्याप्त वित्तिय बजट प्रावधन प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को दियसा दिशा-निर्देश देने का आग्रह किया।

 वीरेन्द्र कश्यप ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय पंचायती राज तथा ग्रामीण विकास मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर से भेंट करके इन्हें बताया कि राज्य सरकार ने ब्लाक समितियों तथा जिला परिषदों को मिलने वाली वित्तिय सहायता रोक दी है तथा राज्य सरकार इन पंचायती राज्य संस्थानों में यह भ्रम फैला रही है कि यह वित्तिय सहायता 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप रोकी गई है। जबकि वास्तविकता यह है कि 14वें वित्त आयोग ने राज्य सरकार को ब्लाक समिति तथा जिला परिषदों को विद्यमान संसाधनों  से पर्याप्त बजट प्रावधान प्रदान करने की सिफारिश की है जिसकी राज्य सरकार पूरी तरह अनदेखी कर रही है तथा इसका ठीकरा केन्द्र सरकार के सिर पर फोड रही है। उन्होंने कहा कि उनके शिमला संसदीय क्षेत्र तथा राज्य के अन्य क्षेत्रों के दौरे के दौरान प्रभावित पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों ने इस विषय पर गहरी नाराजगी प्रकट की है तथा केन्द्रीय हस्तक्षेप की गुहार की है ताकि पंचायतीराज संस्थाओं के निर्वाचित सदस्यों की गरिमा तथा प्रतिष्ठा बहाल की जा सके तथा इन संस्थाओं की राज्य के ग्रंामीण विकास में सक्रिय हिस्सेदारी सुनिश्चित को जा सके। उन्होंने बताया कि 14वें  वित्त आयोग ने राज्य की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढाकर 42 प्रतिशत तक कर दिया है जिससे राज्य में ग्रामीण विकास के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध की जा सकी है।
वीरेन्द्र कश्यप ने कहा कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी सम्बन्धित पंचायतों को उनके पांच साल के कार्यकाल में मिलने वाली कुल 80 लाख रूपये वित्तिय राशि की तीन से चार किश्ते जारी कर दी है लेकिन दूसरी ओर राज्य सरकार इस धनराशि पर कुण्डली मार कर बैठी है तथा इस धनराशि के खर्च में उचित दिशा निर्देश तैयार करने का बहाना कर रही है जबकि 14वें वित्त आयोग ने इस राशि के खर्च के लिए पहले ही स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर रखे है।
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