(27/02/2017) 
अंबेडकर कॉलेज मे प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन में कौशल विकास विषय पर कार्यशाला
दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीम राव अम्बेडकर कॉलेज की इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आई.क्यू.ए.सी.) ने डीयू के गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए ‘प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन में कौशल विकास’ विषय पर एक-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

इस कार्यशाला में डीयू के विभिन्न कॉलेजों तथा संस्थाओं के प्रशासनिक व वित्तीय विभागों के अनेक अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया इसमें वेतन निर्धारण, ‘समान्य वित्तीय नियमन तथा सूचना का अधिकार’ और दस्तावेज़ प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीर चर्चा हुई।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीयू के पूर्व डीन (छात्र कल्याण) प्रो. जे. एम. खुराना ने प्रशासनिक प्रबंधन में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए उनसे निबटने के रास्ते भी सुझाए। उन्होंने डीयू के गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के योगदान की प्रशंसा की और साथ ही इस बात का संकेत भी किया कि केवल अधिकार ही नहींकर्तव्य भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला से अपनी समस्यायें सुलझाने व कार्य की गुणवता बनाये रखने हेतु अभिप्रेरित करने में सहायता मिलेगी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारी बी. धनेश ने सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत वेतन निर्धारण के आधारभूत नियमों की जानकारी दीI। डीयू के ज्वायंट रजिस्ट्रार (कौंसिल) डॉ. विकास गुप्ता ने कार्यालय के दैनिक वित्तीय कार्यों को संपन्न करने में उपयोगी सामान्य वित्तीय नियमावली (जी. एफ. आर.) की बारिकियों की विस्तार से चर्चा की।डीयू की डिप्टी रजिस्ट्रार मीनाक्षी सहाय ने सूचना के अधिकार के विभिन्न पहलुओं एवं कार्यालयी दस्तावेज़ों के कुशल प्रबंधन के तरीकों की जानकारी दी समापन सत्र के मुख्य अतिथि श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स के पूर्व प्राचार्य डॉ. पी. सी. जैन ने प्रशासनिक सफलता हेतु अपने निजी अनुभवों का संदर्भ देते हुए कहा कि केवल नियम कानून ही नहीं बल्कि प्रशासनिक कार्यों में मानवीय सम्वेदनाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती हैकॉलेज प्राचार्य डॉ. जी. के. अरोड़ा ने प्रशासनिक उतरदायित्व का निर्वाह ईमानदारी से करने का संदेश दिया और कहा कि वे वैसा ही व्यवहार छात्रों से करें जैसा कि वे अपने बच्चों के लिए अन्य संस्थायों में उम्मीद करते हैं। कार्यक्रम के माननीय समन्वयक डॉ. श्रीराम ओबेरॉय ने कहा कि गैर-शैक्षणिक कर्मचारी कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन की रीढ़ हैं तथा उनमें प्रशासनिक कौशल के साथ साथ सम्वेदनशीलता का विकास भी आवश्यक है उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों को उनका हक़ मिलते रहना चाहिए वरना उनमें हताशा आ जायेगी। कार्यक्रम के आयोजक आई.क्यू.ए.सी. के समन्वयक डॉ. एस. एस. चावला ने गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए इस तरह की कार्यशालाओं के लगातार होने पर बल दिया कार्यक्रम के अंत में कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. डी. के. पांडेय ने सबका धन्यवाद किया

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