(04/03/2017) 
मिशन खुशी को लेकर फैशन डीवा खुशबू हुई कामयाब
फ्लैग -- मोटिवेशनल एटीट्यूड प्रोग्राम से बता रही जीवन में सफलता पाने के मंत्र भोपाल। लोगों ने मुझे जब से खुशी पुकारना शुरू किया है, मुझे जीने का नया मकसद मिल गया है।

 मैं भी अपने इस नाम को सार्थक करने में जुटी हुई हूं। अपने अनुभव और शिक्षा से मैं भारत में खुशी मिशन पर हूं और मुझे कामयाबी मिल रही है।  बहुत जल्द ही भोपाल और इंदौर में मोटिवेशनल एटीट्यूड प्रोग्राम के जरिए मैं एजूकेशन, योग, फैशन, टूरिज्म और आॅन साइट जाॅब के बारे में एक्सपीरिएंस शेयर करूंगी। यह कहना है जानी मानी स्टाइलिस्ट, फैशन डीवा और यूथ मोटिवेशनल ट्रेनर खुशबू उपाध्याय का। खुशबू ने कहा कि भोपाल-इंदौर जैसे शहर एजूकेशन हब की तरह उभर रहे हैं। यूथ को एजूकेशन तो मिल रहा है, लेकिन उसे मोटिवेशन की सख्त जरूरत है। यूथ तभी फोकस्ड हो सकेगा जब वह खुश हो न कि डिप्रेस्ड। यहां का शांतिपूर्ण और हरा-भरा वातावरण तो है, लेकिन फैशन और टूरिज्म के मामले में अभी काफी गुंजाइश है। पूर्व एयरहोस्टेस और कई इंटरनेशनल एयर लाइन्स में सालों तक काम कर चुकी खुशबू ने कहा कि मेरा नया नाम ‘खुशी ’ ही दरअसल मेरा काम है और इसी दिशा में मैं काम कर रही हूं। उन्होंने बताया कि दुनिया के कई देशों में जाने और उन्हें समझने का मौका मिला। हर संस्कृति की अपनी एक अलग मिसाल है। डांस, हेल्थ, फिटनेस और फैशन को लेकर अलग-अलग देशों में रोचक तौर-तरीके हैं। उनकी अच्छाइयों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। अच्छा काम और अच्छा ध्यान रखने से जीने का मजा आएगा, यह बेहद सरल काम है। उन्होंने कहा कि फैशन को लेकर उनके किए गए प्रयोग, टूरिज्म के ट्रेंड और लाइव इवेंट्स को लेकर उनके काम को इंटरनेशनल लेवल पर सराहना मिली है। खुशबू ने बताया कि बचपन में वह गुड़ियों से नहीं खेलती थी, बल्कि उन्हें हवाई जहाज अधिक पसंद था। समय के साथ-साथ यह लगाव बढ़ा और पारिवारिक दबाव के बावजूद उन्होंने आसमान का रूख कर लिया। परिवार की इच्छा थी कि खुशबू टीचिंग या किसी आफिस में काम करें, लेकिन फिर खुशबू के लगाव को देखते हुए उन्होंने इजाजत दे दी।फैशन डीवा खुशबू बताती हैं कि मैंने हमेशा पढ़ाई और स्किल डेवलपमेंट के साथ साथ खुश रहने को तव्वजो दी। हमेशा अपनी पर्सनाल्टी, फैशन, हेल्थ का ध्यान रखा और इसके लिए बाकायदा ट्रेनिंग भी ली। उन्होंने कहा कि मेरी डांस, एयरोबिक और योग अभ्यास कई सालों से निरंतर बना हुआ है। इससे न केवल मैं फिट हूं बल्कि आॅड अवर या तनाव में भी शांत रहते हुए मैं काम कर सकती हूं। इंटरनेशनल एयर होस्टेस के लिए बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है और आपका चुनाव कई देशों के युवाओं के बीच से होता है। ऐसे में आपको बेस्ट होना और बेस्ट करके दिखाना होता है। ऐसे में छोटे शहर या राज्य में जाॅब करना बेहद आसान लगता है। इस अंतर को मैंने करीब से समझा है। अब इसी अनुभव को मैं लोगों खासतौर पर कारपोरेट इवेंट्स और स्कूल- काॅलेज के युवाओं के साथ साझा कर रही हूं ताकि वे भी अपने सपने पूरे कर सकें। बड़ी और नामचीन इंटरनेशनल एयर लाइन्स में लंबे समय तक परफैक्ट काम करने के कई फायदे भी है। इससे कई देशों की संस्कृति और उनके बारे में गहराई से जानने का मौका मिलता है और उन सब के बारे में आप स्वयं सोच-समझकर अपना विचार बना सकते हैं। सुनी-सुनाई बातों पर कभी यकीन नहीं करना चाहिए। दुनिया के कई शहरों के फैशन को देख-परखने के बाद आप यह जान लेते हैं कि लोगों पर किस रंग और किस ढंग के कपड़ों का कैसा प्रभाव पड़ता है? फैशन स्टेट्समेंटस और ट्रेंड को लेकर भी आपके पास कई अहम जानकारी होती है, जिससे आप लोगों को गाइड भी कर सकती हैं। इस अनुभव के साथ मैं कई प्रोफेशनल्स और बिजनेसमैन्स को ग्रूम कर रही हूं। हमारा भारत ही सबसे अच्छा ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ यह बात खुशबू कहते हुए चहक उठतीं हैं, उनका कहना है कि मैंने पूरी दुनिया के कई देशों में लंबा समय बिताया है। वहां के लोगों के बारे में जाना-समझा है, लेकिन सारे जहान से अच्छा है अपना देश । इसका कारण है यहां की विविधता और सांस्कृतिक विरासत। खुशबू ने कहा कि इंद्रधनुषी रंगों वाली भारतीय संस्कृति में  विश्व को नया रास्ता दिखाने की क्षमता है और बहुत सारे देशों में भारत का अनुसरण हो रहा है। अपने अनुभवों को अब वे देश के युवाओं के साथ साझा कर रही हैं, कई स्कूल और काॅलेजों में जाकर वह युवाओं को प्रोत्साहित कर चुकीं हैं और कई युवाओं को ग्रूम कर रही हैं।
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