(21/04/2017) 
व्हाट्स एप सोशल मीडिया का सबसे अधिक इस्तेमाल
आज व्हाट्स एप सोशल मीडिया का सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाला एप है। दिनभर लोग इसपर अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से चैटिंग करते है, फोटों, विडियो व ऑडियो मयूज़िक आदि शेयर करते है। कई बार इसपर ऐसे चीज़ें सर्कुलेट हो जाती हैं

जिनसे समाज के अमन चैन को खतरा हो जाता है। तो क्या आप जानते है कि मीडिया शेयर करना और ग्रुप एडमिन बनना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। अक्सर समाचार के नाम पर बने ग्रुप और अन्य नाम से बने ग्रुप में कभी ऐसे समाचार या तथ्य भी प्रेषित हो रहे हैं, जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं है। बिना पुष्टि के सीधे कट-पेस्ट या फॉरवर्ड किए जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक इसी को ध्यान में रखते हुए वाराणसी के डीएम और एसएसपी ने एक संयुक्त आदेश जारी कर आदेश दिया है कि सोशल मीडिया और व्हॉट्स एप पर ग्रुप चलाने वाले एडमिन सचेत रहें।उनके ग्रुप में किसी भी भ्रामक, गलत तथ्यों से भरी या अफवाह फैलाने वाली पोस्ट पाए जाने पर  संबंधित व्यक्ति के साथ ही ग्रुप एडमिन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

वाराणसी के डीएम एसएसपी द्वारा जारी हिदायत में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अत्यंत महत्वपूर्ण है और स्वतंत्रता के साथ ही जिम्मेदारी भी आवश्यक है। इन शब्दों को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया और व्हॉट्स एप, फेसबुक आदि के ग्रुप एडमिन एवं सदस्यों के लिए ये निर्देश दिए गए हैं:-

1. ग्रुप एडमिन वही बने, जो उस ग्रुप के लिए पूरी जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का वहन करने में समर्थ हो।

2. किसी भी धर्म के नाम पर भावनाओं को आहत करने वाले पोस्ट किसी भी ग्रुप में शेयर किए जाने पर समाज में तनाव उत्पन्न होने की संभावना रहती है। ऐसे पोस्ट करने या किसी अन्य ग्रुप को फॉरवर्ड करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में समय—समय पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया जाएगा।

3. अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूरी तरह परिचित होने चाहिए।

4. ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलत बयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफवाह बन जाए, पोस्ट किए जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन को तत्काल उसका खंडन कर उस सदस्य को ग्रुप से हटाना चाहिए।

5. अफवाह, भ्रामक तथ्य, सामाजिक समरसता के विरुद्ध तथ्य आदि पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना देनी चाहिए, जिससे वैधानिक कार्यवाही हो सके।

6. ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें भी इसका दोषी माना जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

7. दोषी पाए जाने पर आईटी एक्ट, साइबर क्राइम और आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

इसलिए अब ग्रुप एडमिन बनना भी आसान नही है, तो पहले एडमिन बनने के सभी पहलूओ को समझे फिर ही ग्रुप की सत्ता को हाथ में ले।

कोमल शर्मा
समाचार वार्ता

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