(06/06/2017) 
नायडु ने कूड़ा प्रबंधन के लिए कूड़ा पृथक्करण का आह्वाहन किया
जलवायु परिवर्तन ने मानवता के सम्मुख एक बडी चुनौती खडी कर दी है, जिससें यह समय की मांग है कि इस स्थिति का सामना करने के लिए हरित-समाधानों और उपायों को अपनाया जाये ।


यह कार्य न केवल सरकारों और नगर-निकायों का दायित्व है बल्कि इससे प्रत्येक व्यक्ति को एक जन आन्दोलनकारी के रूप में जुड कर आगे आना होगा । हमें परिस्थितिक सन्तुलन बनाये रखने पर सघन ध्यान देना होगा । साथ ही साथ कचरा-प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक उपायों को भी अपनाना होगा । सभी को स्रोत स्थल पर ही बेहतर कूड़ा-प्रबंधन के लिए अपने कूडे को अलग-अलग करना होगा । जिससे यह कार्य लक्ष्य की प्राप्ति तक के लिए एक जन आन्दोलन बन सके । यह प्रत्येक नागरिक का प्राथमिक कर्तव्य और दायित्व है कि वह परिस्थितिक संतुलन को बनाये रखने के लिए अपने घर, दफ्तर, दुकान और आसपास के क्षेत्र में भी दैनिक जीवन में कूडे को अलग-अलग करके रखने और उसका निपटान करने की आदत        बनाये ।

यह उद्गार भारत सरकार के केन्द्रीय शहरी विकास, सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री वैंकेया नायडु ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नगर निकायों के लिए कूड़ा प्रबंधन के अन्तर्गत कूड़ा पृथकक्रण अभियान को हरी झंडी दिखाते समय कही ।

स्वच्छता के संदर्भ मंे महात्मा गांधी को याद करते हुए श्री नायडु ने कहा कि गांधी जी कहते थे - राजनीतिक आजादी से ज्यादा महत्वपूर्ण तो स्वच्छता है । श्री नायडु ने कहा कि हमारे यहॉं बहुत से त्यौहार और धार्मिक रीति-रिवाज़ ऐसे है, जो प्रकृति की पूजा या उसमे आस्था से जुडकर हमारे दैनिक जीवन का अनन्तकाल से अंग बने हुए है । वैश्विक स्तर पर विश्व पर्यावरण दिवस जहॉं प्रकृति से प्रत्येक को जोडने का प्रयास है, वहॉं हमारे दैनिक जीवन के ऐसे प्रायस अनन्तकाल से अंग बने हुए है । वैश्विक स्तर पर विश्व पर्यावरण दिवस जहॉं प्रकृति से प्रत्येक को जोडने का प्रयास है, वहॉं हमारा दैनिक जीवन रोजाना जुडा हुआ है । उन्होंने कहा कि हमे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपने पूर्वजों द्वारा किये गये प्रयासों का लाभ उठाना चाहिए और उनका अनुसरण करना चाहिए ।  

नगर-निकायों के ठोस कूड़ा कचरा प्रबंधन में कूडा पृथक्करण की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सरंक्षा, जलवायु परिवर्तन से पृथ्वी का सरंक्षण और कूड़ा पृथक्करण से सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी कम करने तथा उस कचरे को पुर्नचक्रित करके उसे सम्पदा में परिवर्तित करने का कार्य अब एक चुनौती पूर्ण कार्य है, जिसे सब इस जनआन्दोलन में भागीदारी बनके सफल बना सकते है । मंत्री महोदय ने बताया कि कूडे के गलत निपटान या उसे जलाने से जलवायु परिवर्तन के अन्तर्गत पर्यावरण मे अनेक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन होता है ।

नई दिल्ली की सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने इस अवसर पर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ रहे वायु प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि हमने समय रहते अपने जलवायु परिवर्तन होने को नहीं रोका तो परिस्थितिक संतुलन बिगड जायेगा और हम सबको उसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे । उन्होंने कहा हमारा कर्तव्य है कि हम अपने पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बने और उसका शोषण करने के बजाय उसका पोषण करें ।

इस अवसर पर श्री नायडु ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी नगर निकायों से आये कर्मचारियों, स्वयंसेवीयों, महापौर, पार्षदों, आवासीय कल्याण समितियों, मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों, गाजियाबाद, नौएडा, फरीदाबाद, गुरूग्राम, दिल्ली के नगर निगमों, दिल्ली छावनी बोर्ड और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कूड़ा प्रबंधन और पृथक्करण के लिए शपथ दिलाई ।


श्री नायडु ने स्कूली बच्चों के लिए एक कॉमिक बुक का भी विमोचन किया, जिसमें बच्चें कूड़ा प्रबंधन और पृथक्करण की जानकारी रोचक ढ़ंग से प्राप्त कर सकेगें । समारोह के अन्त में श्री नायडु ने सभी नगर निकायों के ऐसे वाहनों की एक रैली को भी हरी झंडी दिखाई, जिन्हें घर-घर से गीला-सूखा कूडा अलग अलग प्रकार से एकत्रित करने के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है । इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के समस्त नगर-निकायों द्वारा अपने क्षेत्र में कूड़ा प्रबंधन और पृथक्करण करने के लिए किये जा रहे प्रयासों और उपकरणों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है ।

अपना धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष श्री नरेश कुमार ने पालिका परिषद् द्वारा कूड़ा प्रबंधन और पृथक्करण के लिए नई दिल्ली क्षेत्र में किये जा रहे कार्याें की विस्तृत रिर्पोट प्रस्तुत की । उन्होंने यह भी बताया कि पालिका परिषद् ने स्थानीय सांसद विकास निधि (एमपीलेड) से लक्ष्मीबाई नगर में 500 किलोग्राम प्रतिदिन की दर से बायो-डिग्रेडेबल कूडे का बायो मिथेनाइजेशन करने के लिए एक संयंत्र लगाया है ।
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