रतलाम। सरकारी कार्यालयों की फाइलों में किस तरह अंदर ही अंदर
खेल हो जाता है, यह लोक
निर्माण विभाग में देखा जा सकता है। 10 किलोमीटर की दो करोड़ की लागत से बनने वाली
सड़क का ठेका दो साल पहले हुआ लेकिन ठेकेदार ने कोई काम नहीं किया। विभाग ने उसे
टर्मिनेट करके रिन्यूअल का टैंडर निकाला तो इसे निरस्त कर दिया। टैंडर क्यों निरस्त किया गया, यह विभाग में कोई
नहीं जानता है। दो साल पहले सड़क का ठेका ई-टेंडरिंग के माध्यम से दिया गया था।
फरवरी 2014 में यह काम पूरा हो जाना था लेकिन ठेकेदार ने काम लेने के बाद पलटकर
नहीं देखा और न ही कोई काम किया। एक-दो नोटिस का दौर चला और फिर पिछले माह ही
विभाग ने ठेकेदार को टर्निनेट कर दिया। यही नहीं बीते मार्च माह में रिस्क एंड
कॉस्ट पर नए टैंडर भी निकाल दिए। इन टैंडरों को कार्यपालन यंत्री ने ही निकाल दिया
और फिर निरस्त भी कर दिया। बाले बाले निरस्त किए गए ठेके को ठेकेदार को बचाने वाला
बताया जा रहा है, जबकि
विभागीय नियमों के तहत ऐसे ठेकेदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई का प्रावधान है। |