खण्डवा। बड़ोदा अहीर में टंट्या भील स्मारक के लोकार्पण
समारोह में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद नंदकुमार सिंह चौहान की कथनी-करनी में
साफ अंतर दिखाई दिया। पहले सांसद चौहान ने भील समाज को नशा और शराब से दूर रहने की
सीख दी। थोड़ी ही देर बाद उन्होंने मंच पर बैठकर ही गुटखा खा लिया। सामने बैठे
लोगों ने खुसर-फुसर की कि देखो सांसद खुद तंबाकू खा रहे हैं। वे सालों से इसके आदी
हैं। जब उनसे पूछा तो बोले सुपारी खाई है। उद्घाटन भाषण में सांसद चौहान ने टंट्या भील को समाज और निमाड़
का गौरव बताया। उन्होंने भील समाज में शराबखोरी की कुरीति होने का उल्लेख करते हुए
कहा कि समाज के लोग टंट्या स्मारक से शराब व नशा से दूर रहने का संकल्प लेकर जाएं।
उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि लोग शराब पीकर आएं तो उन्हें घर में न घुसने
दें। सांसद चौहान ने अपने 30 मिनट के भाषण में 15 मिनट नशे से दूर रहने की सीख दी।
लोगों को संबोधित करने के बाद वापस अपनी सीट पर बैठे। पानी पिया और तुरंत बाद
गुटखा फांका। उन्होंने दो अलग-अलग पैकेट निकाले। बारी-बारी दोनों पैकेट से से
चुटकी भरी गुटखा फांका। समारोह में टंट्या मामा के वंशजों को बुलाया तो गया लेकिन
तवज्जो नहीं दी। टंट्या भील के नाती जयसिंह व उनकी पत्नी सोनी बाई को पीछे की लाइन
में बैठाया। अतिथियों का स्वागत किया तो जयसिंह व उनके परिवार को पूछा तक नहीं
गया। कार्यक्रम के अंत में जयसिंह और उनके भाई का सम्मान किया। इसमें भी जयसिंह को
अतिथियों ने उतारकर रखी माला पहनाईं। यह वहीं जयसिंह हैं जिन्होंने टंट्या स्मारक
बनाने के लिए रोड से लगी एक एकड़ जमीन दान कर दी। विदित शर्मा |