राष्ट्रीय (11/04/2015) 
प्रायवेट स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश पाने वाले बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति होगी

भोपाल । राज्य शासन ने निरूशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम में मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में निरूशुल्क प्रवेशित बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश जिलों को दिये हैं। सत्र 2014-15 में फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार करने को कहा गया है।

प्रक्रिया में सबसे पहले मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूल को निरूशुल्क प्रवेश के लिये आरक्षित प्रत्येक कक्षा की कुल सीट, आर.टी.ई. में प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या एवं वार्षिक शैक्षणिक शुल्क एजुकेशन पोर्टल पर दर्ज करवाना होगा। प्रत्येक प्रायवेट स्कूल के लिये कलेक्टर एवं मिशन संचालक के अनुमोदन के बाद एक अधिकारी को नोडल अधिकारी नामांकित किया जायेगा। प्रायवेट स्कूल के प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर के बाद दस्तावेजों के आधार पर नोडल अधिकारी सत्यापन की कार्यवाही करेंगे। उनकी जिम्मेदारी होगी कि प्रवेशित विद्यार्थी की फीस प्रतिपूर्ति की चाही गई फीस उस कक्षा के अन्य विद्यार्थियों से ली जा रही फीस के अनुसार हो। फीस प्रतिपूर्ति के लिये भेजे जा रहे प्रस्ताव में दर्ज विद्यार्थियों के नाम पूरी तौर पर सही होने चाहिए। क्लेम, बच्चों के नाम और फीस के मिलान का दायित्व नोडल अधिकारी का होगा। उसे शाला के रिकार्ड के आधार पर सत्यापन करना अनिवार्य रहेगा।

स्कूलों द्वारा केवल सत्र 2014-15 में नवप्रवेशित बच्चों के नाम पोर्टल पर दर्ज करवाने होंगे। संस्था का खाता क्रमांक भी दर्ज करवाना होगा। स्कूल द्वारा बच्चों और फीस को गलत तरीके एवं बढ़ा-चढ़ाकर दर्ज करवाने वाले स्कूल तथा नोडल अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है। ऑनलाइन प्रक्रिया को सुगम और अधिक प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिये सभी प्रायवेट स्कूल के प्राचार्यों को जनपद शिक्षा केन्द्र पर 15 अप्रैल तक अनिवार्यतरू प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये गये हैं। स्कूल के लिये नामांकित अधिकारी को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रक्रिया तथा नियमों के उल्लघंन पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। फीस प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया पारदर्शी रखने को कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि अधिनियम के लागू होने के बाद प्रायवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत कमजोर वर्ग एवं वंचित समूहों के बच्चों को निरूशुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। हर साल प्रति विद्यार्थी व्यय का निर्धारण शासन द्वारा किया जाता है। विद्यार्थी पर हुए स्कूल के व्यय (फीस) की प्रतिपूर्ति का भुगतान ऑनलाइन स्कूल के खाते में किया जाता है। प्रतिपूर्ति की राशि वही होती है, जो शासन द्वारा निर्धारित अथवा स्कूल द्वारा लिये जाने वाले शुल्क में से कम हो।

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