राष्ट्रीय (13/04/2015) 
अमेठी में फूड पार्क के लिए केंद्र की 'ना'
अमेठी : यूपी में करीब 40 हजार युवाओं के लिए रोजगार और बड़े निवेश का साधन बनने वाली एक योजना को केंद्र सरकार ने चुपके से दफना दिया है। केंद्र सरकार ने अमेठी में बनने वाले 'शक्तिमान फूड पार्क' के लिए दी गई इजाजत वापस ले ली है। इस योजना के तहत राहुल गांधी की लोकसभा सीट अमेठी में आदित्य बिरला ग्रुप फूड पार्क लगाने वाला था। 200 करोड़ रुपये की इस योजना का जगदीशपुर में अक्टूबर 2013 में राहुल ने आधारशिला रखी थी।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, केंद्र में सत्ता बदलते ही इस योजना के बुरे दिन शुरू हो गए थे। इसके लिए ऐडमिनिस्टर्ड प्राइस मेकैनिजम के आधार पर गैस देने के यूपीए सरकार के वादे को आधार बनाया गया। आदित्य बिरला ग्रुप का कहना है कि पार्क को चलाने के लिए इसकी सख्त जरूरत है, जबकि एनडीए सरकार अब यूपीए सरकार के किए इस वादे को निभाने को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है।

हालांकि, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के डायरेक्टर एन के गयागी अलग बात कहते हैं। उनका कहना है कि इस योजना के लिए 50 एकड़ जमीन और उसके औद्योगिक इस्तेमाल की इजाजत होनी चाहिए थी जो कंपनी के पास नहीं है। यह शर्त पूरी नहीं हो पाई है। सारी शर्तें पूरी करने के लिए कंपनी को उचित समय दिया गया लेकिन इस दौरान शर्तें पूरी न होने पर इंटर मिनिस्ट्रियल अप्रूवल कमिटी ने 30 जून 2014 की मीटिंग में योजना को मिली इजाजत रद्द करने का फैसला किया।

हालांकि, राज्य का औद्योगिक विकास निगम केंद्र (यूपीएसआईडीसी) सरकार के इस दावे को गलत बताता है। एमडी मनोज कुमार सिंह के मुताबिक, इस योजना के लिए 72 एकड़ की जमीन कंपनी के नाम ट्रांसफर की जा चुकी है। यह पूरी योजना इंडस्ट्रियल बेल्ट में है, इसलिए यह कहना गलत है कि कंपनी के पास औद्योगिक इस्तेमाल की इजाजत नहीं है। केंद्र सरकार ने सिर्फ इजाजत ही वापस नहीं ली है, उसने अमेठी में कोई और फूड पार्क बनने की संभावनाएं भी पूरी तरह खत्म कर दी हैं। अब वहां कोई फूड पार्क नहीं बन सकता।

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