रीवा। लोकायुक्त रीवा द्वारा प्रस्तुत किए गए दो
अलग-अलग मामलों में सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय ने एक प्रधान आरक्षक और एक
पटवारी को सश्रम कारवास की सजा सुनाई है। मिली जानकारी के अनुसार 10 सितम्बर 2012 को रीवा जिले के
अजाक थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक चेतन शुक्ला को सिविल लाइन थाना के सामने राजेश
पुत्र मनकामना प्रसाद सोनी निवासी कपसा द्वारा प्रकरण में नाम हटाने को लेकर
रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त रीवा ने ट्रेप किया था। जिसका चलान विशेष न्यायालय रीवा
में 22 नवम्बर 2013 को प्रस्तुत किया
गया। एक वर्ष से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद प्रधान आरक्षक चेतन्य शुक्ला को 4 वर्ष की सजा व 60 हजार रुपए के
अर्थदंड से दण्डित किया गया है। गुरुवार को सीधी जिले के चुरहट हल्का पटवारी बघऊ पटवारी
उग्रसेन कुशवाहा को 31 मई 2011 को पटवारी के निज कार्यालय सीधी में श्याम बिहारी शर्मा
पुत्र रामावतार शर्मा निवासी घुम्मा फाट पुल्ली बनाने के लिए 3 हजार रुपए की
रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस रीवा द्वारा ट्रेप किया गया था। जिसका चलान
न्यायालय में 12 अप्रैल 2012 को पेश किया गया
था। विशेष न्यायालय में चली लम्बी सुनवाई के बाद गुरूवार को
पटवारी उग्रसेन कुशवाहा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का दोषी पाते हुए विद्वान
न्यायाधीश पीएल दिनकर ने 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 20 हजार रुपए के
अर्थदण्ड से दण्डित किया है। |