भोपाल। सोमवार को समन्वय भवन में सिविल सर्विस दिवस समारोह का
आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को नसीहत दी
कि, अफसर जनता
के सेवक हैं। अगर आप सेवाभाव से काम करेंगे, तो जनता का ज्यादा भला कर सकते हैं। यदि खुद
में घमंड लाएंगे, तो सेवाभाव
नहीं ला पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि, अधिकारी किसी बंधनों में बंधकर काम नहीं
करें। वे बहते रहें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा
कि, उन्होंने
देश को जो ऊंचाइयां दी हैं, उसे हमें आगे ले जाना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जब मैंने अधिकारियों को कन्यादान और
लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं का काम सौंपा, तब उन्होंने ना-नुकूर की। लेकिन मैं कहा कि, अब मैं सीएम हूं, जो कहूंगा, करना होगा। शिवराज
ने कहा कि, चुनाव
जीतने के लिए टैलेंट की जरूरत नहीं, लेकिन सिविल सर्विस में आने के लिए यह
अनिवार्य योग्यता है। इसलिए इसका सदुपयोग किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लोक सेवक अपनी
प्रतिभा़, प्रशासनिक
क्षमता और नवाचार से व्यापक परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि विकास के हर
क्षेत्र में मध्यप्रदेश की प्रगति की पूरे देश में चर्चा है। यह लोक सेवकों की
मेहनत का ही परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सेवा मात्र सरकारी नौकरी नहीं है।
यह एक मिशन है। उन्होंने कहा कि लोक सेवक अपने जुनून, प्रतिभा और
प्रशासनिक दक्षता से चमत्कारिक काम कर सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान, लाड़ली लक्ष्मी
योजना और लोक सेवा प्रदाय गारंटी कानून का उदाहरण देते हुए कहा कि विचारों को
व्यापक जनहित में धरातल पर उतारने का काम कर्मठ और संवेदनशील लोक सेवक ही कर सकते
हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रतिबद्ध लोक सेवकों की वजह से ही प्रशासनिक
नवाचारों में प्रदेश का पूरे देश में नाम है। चौहान ने लोक सेवकों का आह्वान किया कि वे लोगों के प्रति
जिम्मेदारी के गहन बोध और संवेदनशीलता के साथ काम करे। उन्होंने कहा जनहित में लिए
जाने वाले निर्णयों में देर होना भी अपराध के समान है। निर्णय लेने में नेक इरादा
होना चाहिए। जनहित में अपनी प्रतिभा का अधिकतम दोहन ही सच्चे अर्थों में जन सेवा
है। उन्होंने लोक सेवाओं से जुड़े सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे इतिहास बनाने और
नए कीर्तिमान गढ़ने के इरादे से कार्य करें। उन्होंने बताया की किसानों के लिए
राज्य की किसान बीमा योजना के स्वरूप पर विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करने के
लिए 15 और 16 जून को कार्यशाला की जाएगी। |