राष्ट्रीय (24/04/2015) 
कांग्रेस छत्तीसगढ़ हितैषी या नक्सल समर्थक - बीजेपी
किसनों की शोषक कांग्रेस, हितैषी बनने का ढोंग छोड़े -भारतीय जनता पार्टी ।
कांग्रेस तय करे कि वह छत्तीसगढ़ हितैषी है या नक्सल समर्थक- भाजपा ।

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता श्रीचन्द सुंदरानी ने कांग्रेस के द्वारा भूमि अधिग्रहण पर अनर्गल बयान बाजी पर कहा कि पहले कांग्रेस बताऐ कि उसने अपने 50 से अधिक वर्षाे के शासन काल में किसानो की कितनी जमीन अधिग्रहित की है तथा उसमें कितने उद्योगो की स्थापना हुई है। अंग्रेजो द्वारा बनाये गये भूमि अधिग्रहण बिल की आड़ में वर्षाे तक किसानों का शोषण कांग्रेस के द्वारा किया जाता रहा। 2013 में कांग्रेस ने आधा-अधूरा भूमि अधिग्रहण बिल लाया जिसमें कई विसंगतियॉ थी। अब नरेन्द्र मोदी की भाजपा सरकार ने उसमें किसान तथा राष्ट्र हित में आवश्यक सुधार किये है तो कांग्रेस की राजनीतिक भूमि उसके पैरो तले से खसकने लगी है और वह किसान हितैषी होने का ढोंग कर रही है। उन्होंने कहा कि इस भूमि अधिग्रहण बिल में किसानों को उनकी अधिग्रहित जमीन का मार्केट रेट से चार गुणा मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी जैसे प्रावधान किये गये है तथा यह सुनिश्चित किया गया है कि उपजाऊ भूमि का कम से कम अधिग्रहण हो और यदि आवश्यक हो तो केवल देश की सुरक्षा के लिए, अधोसंरचना के विकास के लिए जिसका सुखद परिणाम पूरा देश उठाएगा, अधिग्रहित की जाएगी। किसान के खैरख्वाह बनने वाले यह कांग्रेसी पहले इस बात का जवाब देश की जनता और विशेषकर किसानों को दे कि राजस्थान और हरियाणा में उनकी राज्यसरकारों के रहते, किस तरह राबर्ट वाड्रा ने कौडिय़ों के मोल जमीन हथियाई और करोड़ो में बेच किसानों का हक मारा, क्या कांग्रेस किसानों की भूमि अधिग्रहण के लिए राबर्ट वाड्रा मॉडल को आदर्श मॉडल  मान  उसका अनुसरण करना चाहती है?
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने भूपेश बघेल द्वारा पुलिस का मनोबल तोडऩे वाले बयान  की निन्दा की है। उन्होंने कहा कि अपनी जान जोखिम में डाल नक्सलियों का मुकाबला करने वाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उठाने से ऐसा लग रहा है कि भूपेश और उनकी पार्टी कांग्रेस की सहानुभूति नक्सलियों के साथ है। यह सर्वविदित है कि मुठभेड़ के बाद नक्सली अपने मृत साथियों के शव उठा ले जाते है तथा उन्हें नष्ट कर देते है, ऐसे में पुलिस से सबूत के तौर पर नक्सली शव की मांग हास्यास्पद ही नहीं अपितु नक्सलियों का हमदर्द होने का संदेह पैदा करती है। यह सर्वविदित है कि आजादी के बाद से कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण बस्तर में नक्सलवाद,कश्मीर में अलगाववाद,पंजाब में आतंकवाद फ ैला और कांग्रेस ने अपने राजनीतिक हित के लिए इसे समाप्त नहीं किया। अब डॉ. रमन सिंह की सरकार द्वि स्तर पर यथा विकास और सशस्त्र कार्यवाही द्वारा इस समस्या का मुकाबला कर रही है किन्तु यह खेद का विषय है कि कांग्रेस इसमें राजनीति कर रही है। उन्होंने भूपेश से आग्रह किया कि वे राज्य के हितों के खिलाफ बयान बाजी न करें। 
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