राष्ट्रीय (28/04/2015) 
हम भी बन जायेंगे गजेन्द्र

औंकारेश्वर । हम हमारा अधिकार मांग रहे हैं... मेरी जमीन पर मूंग की फसल बोई थी, यहां पानी भर दिया है। अब मैं क्या करुं कुछ समझ में नहीं आ रहा। कुछ दिन और पानी में रहे तो हम भी गजेंद्र हो जाएंगे।

यह दर्द भरी बात घोघलगांव जल सत्याग्रह के 16वें दिन आंदोलनकारी रमेश कड़वाजी ने कही। उन्होंने कहा कि मैं बाकी किसी की बात नहीं करता। मेरे खेत का मुझे मुआवजा नहीं मिला है। फिर इसमें पानी क्यों भर दिया गया है। इसका जवाब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को देना चाहिए।

जल सत्याग्रह कर रहे 68 में से कई लोगों के पैर गलने लगे हैं। लगातार पानी में रहने की वजह से कुछ सत्याग्रही बुखार, सर्दी से भी पीड़ित है। एखंड की बुजुर्ग सकुबाई ने कहा प्रभावितों के अधिकार मिलने तक हम सत्याग्रह जारी रखेंगे। आंदोलनकारियों ने कहा सरकार हमारे मरने का रास्ता देख रही है।

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