राष्ट्रीय (30/04/2015) 
किसान ही करते हैं आत्महत्या, उद्योगपति क्यों नहीं ?

सिवनी । देश  में हर 40 मिनिट में एक किसान आत्महत्या कर रहा है। पिछले एक साल में करीब 13 हजार किसानों ने आत्महत्या की, किसान परिवारों के करीब 70 हजार सदस्य अनाथ और बर्बाद हो गये। भाजपा और प्रधान मंत्री मोदी की किसान विरोधी नीति से देश के करोड़ों किसान थर थर कांप रहे हैं। किसान ही कर रहे हैं आत्महत्या करोड़ों के कर्जदार उद्योगपति क्यों नहीं ? यह बात संसद के सामने रखने 5 मई को लाखों किसान दिल्ली जायेंगे।
उक्त बात अपनी प्रेस विज्ञप्ति में जारी करते हुये मध्यप्रदेघ किसान सभा के सिवनी जिलाध्यक्ष तीरथ प्रसाद गजभिये ने आगे बताया कि भाजपा सरकार किसानों की उपजाघ् भूमि छीनकर उद्योगपतियों को देना चाहती है इसलिये उसने भूमि अधिग्रहण कानून बनाया। लेकिन राज्यसभा में पास नहीं होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सकता। इसलिये भाजपा राष्ट्रपति के अध्यादेश का सहारा ले रही है। इससे सिद्ध होता है कि भाजपा ने उद्योगपतियों से चुनाव में अरबों रूपये का गुप्त चंदा लिया है। जिसके बदले वह उद्योगपतियों को जमीन देना चाहती है।
कामरेड गजभिये ने आगे बताया कि देश के लगभग सभी उद्योगपतियों पर अरबों रूपयों का सरकारी कर्ज है। इनका कालाधन विदेशी बैंकों में भी जमा है यह बात प्रमाणित हो चुकी है। सरकारी कर्ज और कालाधन उद्योगपतियों से वसूला जाये तो देश की हर समस्या हल हो सकती है। किसानों की जमीन लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। लेकिन भाजपा सरकार और उसके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्योगपतियों को छूट देकर किसानों को बर्बाद कर रहे हैं। देशवासियों को भाजपा की काली करतूत समझ में आ गई है।
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