राष्ट्रीय (03/05/2015) 
बेवजह बिजली काटी तो सस्पेंड: प्रमुख सचिव

ग्वालियर । लापरवाही किसी की भी हो, लाइनमैन से लेकर अफसर बेवजह की बिजली कटौती के जिम्मेदार पाए गए तो तत्काल निलंबित कर दिए जाएंगे। बिजली कंपनी की बढ़ती शिकायतों से नाराज ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव आईसीपी केसरी बिजली अफसरों की बैठक में अफसरों को दो टूक शब्दों में ताकीद किया।
केसरी ने साफ किया कि 24 घंटे बिजली सप्लाई की राह में प्रदेश सरकार कोई समझौता नहीं करेगी। ऊर्जा सचिव ने हिदायत दी कि बिजली घर के लाइन मैन से लेकर जीएम तक की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके साथ ही एक ही जोनन में पांच साल से ज्यादा समय से टिके कर्मचारी या अधिकारियों को चिंहित कर हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने का भी केसरी ने निर्देश जारी किया।
रोशनीघर में आयोजित बैठक में ऊर्जा सचिव के कड़े रुख को देखकर रीजन के बिजली अफसर भी सकते में थे। उन्होंने अफसरों से कहा कि देश के उन तीन राज्यों में मप्र भी शामिल हैं, जहां 24 घंटे बिजली सप्लाई दी जाती है। इस रेस में प्रदेश को जरा भी पीछे नहीं हटना है। उन्होंने नए मीटर लगाने व बिजली के बिलों में आ रही शिकायतों को लेकर बिजली अफसरों को फटकार लगाई। बैठक में ग्वालियर रीजन की राजस्व वसूली की समीक्षा की गई और रेवेन्यू बढ़ाने पर फोकस किया। इस अवसर पर पावर मैनजेमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक संजय शुक्ल तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक विवेक पोरवाल भी मौजूद थे।
ऊर्जा सचिव केसरी ने निर्देश दिया कि शहर को 24 घंटे व गांव में 10 घंटे हर हाल में बिजली आपूर्ति की जाए, आपूर्ति को लेकर कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। केसरी ने जारी वित्त वर्ष में दो हजार करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य बी निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि जो बकायादार बिल जमा नहीं करें, उनके कनेक्शन काटे जाएं।
बकाया की वसूली करने के लिए एसएएफ के जवान प्रतिनियुक्ति पर लिए जाएंगे वे बिजली कंपनी के अधिकारियों के साथ वसूली में सहयोग करेंगे जो बकायादार राशि जमा नहीं करते हैं, उनका कनेक्शन काटा जाएगा। केसरी ने अधिकारियों को सम(इश दी कि वो मणिपुर जैसे राज्यों का दौरा करें और जाने के किस तकनीक से लाइन लॉस को कम किया है। उन्होने बताया कि मणिपुर में लाइन लॉस कम करके वसूली बढाई गई है। नए कनेक्शन देने के लिए कैम्प लगाए जाएं खराब व जले हुए मीटरों को शिकायत आने पर तत्काल बदला जाए। केसरी ने कहा कि बिजली बिल नहीं मिलने की शिकायत तो न्यूनतम आनी चाहिए व ट्रांसफॉर्मर फेलुअर की घटना ५ः से नीचे हो जानी चाहिए साथ ही स्वयं के ट्रांसफॉर्मर योजना के तहत गड़बड़ी करने वाले पर कार्रवाई की जाए।

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