ग्वालियर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ
ने गुरुवार को ओलावृष्टि के मुआवजे वितरण में हो रही देरी को लेकर नाराजगी व्यक्त
की। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने हेलीकॉप्टर में बहुत घूम लिया। अब जमीन पर उतरकर काम
कर ले, जिससे किसानों की आत्महत्याएं रुक जाएं। साथ ही उनकी स्थिति में सुधार
आए। कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार
को मुआवजा वितरण की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। ओम प्रकाश बोहरे ने
ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता उमेश
कुमार बोहरे ने हाई कोर्ट को बताया कि ओलावृष्टि हुए डेढ़ माह से अधिक का समय हो
गया है। जहां 100 फीसद फसल बर्बाद हुई है, वहां पर
अधिकारियों ने नुकसान 30 फीसद से कम बताया है। आर्थिक मदद नहीं मिलने से
ग्वालियर-चंबल संभाग के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। बोहरे ने बताया कि उत्तर
प्रदेश सरकार ने ओलावृष्टि की वजह से मरने वाले किसानों को सात लाख रुपये मुआवजा दिया
है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है। शासकीय अधिवक्ता
ने जब इस संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा तो कोर्ट ने नाराजगी
व्यक्त की। उन्हें स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है। |