राष्ट्रीय (10/05/2015) 
दहेज न लाने पर दम्पति को वापस लौटाया
बन्देलखण्ड के महोबा में दुल्हन को अपने साथ ससुरालियों के मनमाफिक दहेज़ न लाना एक अभिशाप बन गया है ! लाल जोड़े में सजी नव नवेली दुल्हन को ससुरालीजनों ने न केवल उल्टें पांव वापस लौटा दिया बल्कि दुल्हन का पक्ष लेने पर दूल्हे को भी घर से बेदखल कर दिया ! मजबूरन नवविवाहिता दंपत्ति जिस डोली नुमा वाहन में विदा होकर घर पहुंचे थे उसी में बैठकर इन्साफ के लिए थाने की देहलीज में जा पहुंचे ! दहेज़ दानव का यह क्रूर चेहरा, समाज के बदलाव के दावे पर एक तमाचा है !
हाथों में मेहँदी और लाल जोड़ें में सजी दुल्हन मगर चेहरे में खुशियों की जगह झलकता रंज ! यह दुल्हन आँखों में भविष्य के सपने संजोय अपने पिया के संग ससुराल पहुंची मगर इससे पहले कि दुल्हन और दूल्हे की आरती उतार कर रस्मों को पूरा किया जाता वहां मौजूद दहेज़ दानव रूपी दूल्हे के बड़े भाई ने घर में घुसने से पहले एक लाख रुपये नगद और मोटर साईकिल की मांग कर दी ! बेचारी दुल्हन कसमसाई और अपनी लाचारी की दुहाई देनें लगी ! पति ने भी सात वचनों का धर्म निभाते हुए पत्नी का पक्ष लिया लेकिन भाई पर तो मानों दहेज़ का भूत सवार था ! नाराज भाई ने तमंचे के बल पर पति पत्नी को बेरंग ही वापस कर दिया ! दरअसल जनपद झाँसी के ग्राम निमगहना निवासी भगवतनारायण राजपूत ने अपनी पुत्री रेखा का विवाह श्रीनगर थाना क्षेत्र के ग्राम भड़रा निवासी नरेश राजपूत के साथ ओरछा मंदिर में बीती 7 मई 2015 को की थी ! फसल बर्बादी के बाद भी गरीब पिता ने 6 लाख रुपये  का कर्ज लेकर ख़ुशी-ख़ुशी बेटी को विदा किया ! जिस गाड़ी में बैठकर नव दंपत्ति साजो सामान लेकर ससुराल पहुंचे तो दूल्हे के भाई महेश राजपूत  ने उन्हें दहेज़ पूरा न लाने की तोहमत लगाकर उसी वाहन में बैठाकर भगा दिया ! यह दंपत्ति जोड़ा वाहन में बैठकर रिश्तेदारों के घरों में रात गुजारने के लिए मजबूर है और इन्साफ के लिए कानून के दरवाजे पर गुहार लगा रहे है !
बहरहाल आज हम भले ही 21 वीं सदी में जी रहे है और कुरीतियों को खत्म करने का इरादा रखते है ! मगर अफ़सोस दहेज़ जैसी बड़ी कुरीति आज भी समाज के लिए धब्बा बनी हुई है!
महोबा से इरफ़ान पठान की रिपोर्ट
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