राष्ट्रीय (10/05/2015) 
किसान ने पेड़ से लटक कर की खुदकुशी,19 घंटे तक पेड़ पर लटका रहा शव
प्रदेश सरकार किसान की मौतों को गंभीरता से तो ले रही है मगर प्रशासन की लापरवाही प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम कर रही है ! महोबा में तो मृतक किसान के प्रति अति संवेदनहीनता का मामला प्रकाश में आया है ! पुलिस को सुचना मिलने के बाद भी 19 घंटों तक मृतक किसान का शव पेड़ से लटका रहा ! मीडिया की दखल के बाद जब पुलिस जागी तो शव को पेड़ से उतार कर पंच नामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ! पुलिस की इस लचर कार्य प्रणाली ने मानवता को भी शर्मसार कर डाला है ! जबकि पुलिस के आला अधिकारी मामले में जाँच में आई देरी होने की बात कह रहे है !
किसान , फसल बर्बादी के बाद मौत को गले लगा रहे है ! तो शासन इन मौतों को गंभीरता से लेते हुए मुआवजा दे रही है ! मगर अफ़सोस किसान की मौतों पर भी पुलिस प्रशासन इस कदर संवेदनहीन हो चुका है कि घटना के 19 घंटे बाद भी मृतक किसान का शव फांसी के फंदे से नहीं उतारा गया तो वहीँ पुलिस के  भय के कारण परिजन शव को उतारने की हिम्मत नहीं जुटा पाये ! मानवता को शर्मसार करने वाला यह मामला महोबा जनपद के थाना कबरई अंतर्गत ग्राम सिंघनपुर बघारी का है ! जहाँ रहना वाले 27 वर्षीय किसान किसान धर्मदास पाल अपने खेत पर अरहर की फसल कूटने गया था ! फसल में उत्पादन कम देख धर्मपाल व्याकुल और हताश हो गया और खेत में ही लगे पेड़ में फांसी के फंदे से लटककर अपनी जान दे दी ! मृतक किसान के भाई आशाराम ने बताया कि वह फसल बर्बादी से दुखी था उसे ऊपर गांव के ही साहूकारों का 75 हजार रुपये कर्ज था ! इसी कारण से उसने अपनी जान दे दी ! उसने बताया कि बीती शाम मृतक ने पेड़ में फांसी का फंडा लगाकर जान दी थी ! जिसकी सुचना पुलिस को थाने जाकर दी गई ! लेकिन पूरी रात बीतने के बाद सुबह 9 बजे पुलिस आई और शव को पेड़ से उतारा ! पुलिस की इस संवेदनहीनता से परिजनों और ग्रामीणों में खासी नाराजगी है ! 
इस पुरे घटना क्रम पर जब पुलिस का पक्ष जाना तो अपर पुलिस अधीक्षक राम यश सिंह ने यह माना कि मृतक किसान का शव फांसी के फंदे से उतारने में विलम्ब तो हुआ है ! मगर उन्होंने इसके लिए जाँच में आई देरी को कारण बताया है ! 
इरफ़ान पठान
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