सुकमा। पूरे गांव का अपहरण और एक ग्रामीण की हत्या के
बाद मारेंगा में सन्नाटा पसरा है। नक्सली दहशत से मृतक के परिजन खुलकर विलाप भी
नहीं कर पा रहे हैं। शनिवार को जनअदालत में हत्या के बाद ग्रामीण देर रात शव लेकर
गांव पहुंचे और रविवार को उसका अंतिम संस्कार किया। ग्रामीणों में मातम के साथ
नक्सलियों का दशहत कायम है। तोंगपाल थाना क्षेत्र के मारेंगा पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों
को नक्सलियों ने शुक्रवार की रात अगवा कर लिया था और जंगल ले गए थे। जहां
नक्सलियों ने जनअदालत में सदाराम को मौत का फरमान सुनाते हुए उसकी हत्या कर दी थी।
उसके बाद ग्रामीण शव को देर रात गांव लेकर पहुंचे। गांव में मातम के बावजूद
सन्नाटा पसरा रहा। रविवार को मृतक के घर और परिजन विलाप करते और अन्य ग्रामीण
सुबकते नजर आए। तोंगपाल में पोस्टमार्टम के बाद शव का पूरे सम्मान के साथ
गांव में अंतिम संस्कार किया गया। चर्चा में ग्रामीणों ने कहा कि नक्सलियों को
ग्राम विकास पसंद नहीं है। इसलिए निर्माणाधीन पुल निर्माण में मुंशी के रूप में
काम करने वाले सदाराम की हत्या की गई। आसपास स्थित सभी गांवों के ग्रामीण एकत्रित
होकर मारेंगा पहुंचे थे। ग्रामीण के अंतिम संस्कार के दौरान विधायक कवासी लखमा भी
मौजूद थे। नक्सलियों द्वारा सदाराम की हत्या की खबर सुनने के बाद गांव
के पटेलपारा निवासी बाजीराम की तबीयत बिगड़ गई और दोपहर में उसकी मौत हो गई। उसका
अंतिम संस्कार सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद किया जाएगा। बताया गया कि बाजीराम
बीमार था और घर पर ही उसका इलाज चल रहा था। सुबह उसे सदाराम की मौत की खबर दी गई
थी। |