राष्ट्रीय (17/05/2015) 
लोकसुराज के फर्जी स्वांग रच जन समस्याओं की अनदेखी की गयी
सरकार को पूरे प्रदेश में जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ा
रायपुर। 14 अप्रैल से 16 मई तक चलाये गये लोकसुराज अभियान को आत्म प्रचार के लिये जनता के पैसे की बर्बादी और दिखावा निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यदि भाजपा सरकार अपने अभी तक के 11 साल के कार्यकाल में आम आदमी को केन्द्रित कर योजनायें बनाती तथा आम आदमी की जरूरतों और उसकी समस्याओं का समाधान करने की सरकार की शुरू से ही नीयत रहती तो सरकार के नुमाईदों को लोक सुराज का ये फर्जी स्वांग रचने की जरूरत ही नहीं पड़ती और न लोगो के इस प्रकार विरोध का सामना करना पड़ता। सरकार ने कभी भी बुनियादी सुविधाओं समस्याओं का जायजा लेने का प्रयास नहीं किया। पेयजल, सड़क, पानी, बिजली, सफाई, स्वास्थ्य सुविधाओं को आम आदमी तक पहुँचाने में भाजपा सरकार पूरी तरह विफल रही। गरीबों के लिये चलायी जा रही वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राशन कार्ड, स्मार्ट कार्ड जैसी योजनायें भाजपा राज में भ्रष्टाचार और सरकार की लापरवाही के कारण दम तोड़ रही है। सरकारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली, बच्चों की आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन योजना भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। इसी का परिणाम था कि भाजपा सरकार का लोक सुराज लोगो के आक्रोष आक्रोश का शिकार हो रहा है। लोक सुराज में मंत्री और भाजपा नेताओं को पूरे प्रदेश में जगह-जगह लोगो के विरोध का सामना करना पड़ा। बस्तर के 500 ग्रामीणों का अपहरण एक की हत्या इसी लोकसुराज अभियान के दौरान हुयी। एक के एक बाद नक्सली वारदातें हुयी। चार दिन में 14 जवानों की मौत हुयी। लोकसुराज अभियान में गरीबों के राशन कार्ड में चांवल का कोटा कम किया गया। एपीएल राशन कार्डो में खाद्यान्न देना बंद। शेष राशन कार्डो में 35 किलो प्रति परिवार से 7 किलो प्रति व्यक्ति राशन की मात्रा कम की गयी है। क्या यही है लोकसुराज? राशन  की घटिया गुणवत्ता और भंडारण के अनेक मामले लोकसुराज अभियान के दौरान ही सामने आये है। लोकसुराज अभियान में धान का स्टाक कई भंडारण केन्द्रो में कम मिला। लोकसुराज अभियान में प्रधानमंत्री जैसे अतिविशिष्ट व्यक्ति के कार्यक्रम के लिए बनाया गया डोम सामान्य हवा और बारिश में ही धरासायी हो गयी। 1 की मौत 60 घायल हुए। एक की रीढ़ की हड्डी ही टूट गयी। क्या इसी आपाराधिक लापरवाही को लोकसुराज कहते हैं? लोकसुराज के कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने के लिये सांस्कृतिक कार्यक्रम गर्भवती महिलाओं की गोद भराई से लेकर सम्मान समारोह आयोजित करने पड़ा। सम्मान समारोह सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन हो लेकिन यदि लोकसुराज अभियान में जनता न आये और भीड़ जुटाने के लिये यह सब करना पड़े तो यह जनता और जनता के बीच भाजपा सरकार की समाप्त हो चुकी विश्वनीयता का जीताजागता प्रमाण है। क्या सांस्कृतिक कार्यक्रम नाच गाना को लोकसुराज कहते है? पूरे लोकसुराज अभियान में जनसमस्याओं के हल करने के लिये जनता से लिखित आवेदन ही नहीं लिये गये? भाजपा स्पष्ट करें कि पूर्व के नगर सुराज और ग्राम सुराज अभियान के दौरान सौपे गये आवेदनों का क्या हुआ? इस बार लोकसुराज अभियान में जनसमस्याओं के दल के लिये जनता के आवेदन क्यों नहीं लिये गये? मुख्यमंत्री द्वारा कलेक्टरों को सीखने की जरूरत है, यह कहे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इसकी नैतिक जिम्मेदारी 11 वर्ष से सामान्य प्रशासन विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री स्वीकार करें। सरकार के प्रति जनता के अरूचि और किसान मजदूरों के विरोध की बौखलाहट सरकार के मुखिया और मंत्रियों ने सरकार अधिकारी कर्मचारियों पर निलंबन और बर्खास्तगी कर निकाली। 14 अप्रैल से 16 मई तक तीन दर्जन से भी अधिक अधिकारी कर्मचारी निलंबित किये गये। बर्खास्तगी तक की गयी। यह लोकसुराज था या निलंबन महाअभियान? यह कैसा लोकसुराज है?
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