राष्ट्रीय (19/05/2015) 
डोम दुर्घटना मौत के जिम्मेदार बड़े ठेकेदार को बचा रही सरकार
रायपुर में 8 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आमसभा के लिये बनाये जा रहे विषाल डोम के ढहने की घटना में लापरवाही के लिये जिम्मेदार ठेकेदार पर मामला दर्ज न करने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। इस घटना में चार दर्जन पुलिस कर्मियों सहित सत्तर से अधिक लोग घायल हो गये थे। घायलों मे से कुछ की मौत हो गयी थी।
छत्तीसगढ़ के मामलों में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मो. अकबर ने कांग्रेस भवन में प्रेस कांन्फ्रेन्स लेकर आरोप लगाया कि डाॅ. रमन सिंह सरकार दुर्घटना के लिये जिम्मेदार बड़े राजनैतिक संपर्क वाले ठेकेदार को बचा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह पहली ऐसी घटना है जिसमें मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने बिना किसी मांग के आनन-फानन में दंडाधिकारी जांच के आदेश दे दिये। जबकि इस दुर्घटना में होना यह चाहिये था कि घटना के तुरंत बाद यह बात साने आ गयी थी कि निर्माण में तकनीकी खामी थी। प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया ने इस पर तत्परता दिखाते इन खामियों को उजागर किया था। मीडिया के प्रतिनिधियों ने समाज के प्रति अपना दायित्व निभाया था। बड़े ठेकेदार की लापरवाही के चलते दर्जनों लोगो की जान खतरे में पड़ गई थी। कांग्रेस नेता ने बताया कि धारा 304 (ए) में उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करने के बारे में कहा गया है कि जो कोई भी उतावलेपन के या उपेक्षापूर्ण किसी ऐसे कार्य से किसी व्यक्ति की मृत्यु कारित करेगा, जो अपराधिक मानव वध की कोटि में नहीं आता, वह दोनो में से किसी भांति कारावास से दंडित किया जा सकेगा। इसके साथ ही अंग भंग या गंभीर घायल होने की स्थिति में आई.पी.सी. की धारा 338 एवं साधारण रूप से घायल होने पर धारा 337 में सजा का प्रावधान है।
कांग्रेस नेता ने पुलिस पर गहरे राजनैतिक दबाव होने का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि यही कारण है कि घायलों में अधिकांश पुलिस कर्मियों से होने के बावजूद जिम्मेदार लोगो का मामला दर्ज नहीं हो पाया। मो. अकबर ने कहा कि अब दंडाधिकारी जांच तक कोई कार्यवाही नहीं करने की बात कही जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि दंडाधिकारी जांच में यह तथ्य सामने आने पर कि व्यक्ति की मौत ठेकेदार की लापरवाही से हुई है फिर प्राकृतिक आपदा से इसके बाद ही पुलिस कार्यवाही की जाएगी।
मो. अकबर ने भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री की नीयत पर सवाल उठाये। उन्होने कहा कि 08 मई 2015 को दुर्घटना के घायलों को अस्पताल में देखने के बाद मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने कहा था कि यह प्राकृतिक आपदा है। कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री के इस कथन के परिपे्रक्ष्य में कहा कि दंडाधिकारी जांच का औचित्य ही क्या है? जब राज्य सरकार का मुखिया पहले ही कह रहा है कि यह प्राकृतिक आपदा है। इतना ही नहीं पीडि़तों का मुआवजा प्रकरण भी राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड छः क्रमांक 4 के अंतर्गत बनकर तहसील अभनपुर में तैयार है। जो प्राकृतिक प्रकोपों से हुई फसल क्षति, मकान क्षति, जनहानि, पशु हानि एवं अन्य क्षतियों के लिये आर्थिक सहायता निर्धारित है।


जिम्मेदार को बचाने का इंतजाम
मो. अकबर ने कहा कि दंडाधिकारी जांच में बड़े ठेकेदार को बचाने का पूरा इंतजाम पहले से कर लिया गया है। इसके लिये जांच के बिंदुओं में यह बिन्दु षामिल नहीं किया गया है कि क्या ठेकेदार इस कार्य को करने के लिये पर्याप्त अनुभव, अर्हता व पात्रता रखता था, जांच की औपचारिकताओं के लिये जिन बिन्दुओं को शामिल किया गया है, वे इस प्रकार है- घटना का कारण, पंडाल निर्माण की तकनीकी समीक्षा, पंडाल निर्माण में लापरवाही या चूक हो तो जिम्मेदारों का निर्धारण। 
कांग्रेस नेता ने सरकार से पूछा कि जांच के बिन्दुओं में यह बिन्दु भी क्यों नहीं रखा गया कि पंडाल निर्माण के कार्य को ठेकेदार को प्रदान करने के लिये क्या नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया गया?

ठेकेदार को भुगतान न करे सरकार
मो.अकबर ने बताया कि बड़े दुर्घटना के बावजूद बड़े ठेकेदारों के अति उच्च राजनैतिक संपर्क के कारण राज्य सरकार पर डोम के भुगतान का दबाव है। भाजपा सरकार दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठेकेदार को बचाने दंडाधिकारी जांच तक पुलिस कार्यवाही नहीं करने का बहाना बना रही है लेकिन यह नहीं कह रही है कि जांच तक भुगतान भी नहीं किया जाएगा। यह सारी बातें भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री की भूमिका को संदिग्ध बना रही है।
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