राष्ट्रीय (25/05/2015) 
मोदी सरकार के 1 वर्ष का तोहफा छत्तीसगढ़ में बिजली के दाम बढ़े- महेन्द्र छाबड़ा

रायपुर/25 मई 2015। बिजली में सरप्लस राज्य कहलाने वाला छत्तीसगढ़ राज्य भाजपा के 12 वर्षों के कार्यकाल में बिजली के दाम बार-बार बढ़ाये जाने पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार के एक वर्ष कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की जनता को बिजली के दाम बढ़ाकर अच्छे दिनो का तोहफा दिया है। जिस प्रकार बिजली के दाम बढ़ाये गये है और जिस प्रकार स्लेब में बाजीगरी की गयी है उससे गरीब जनता को दोहरी मार पड़ेगी। 40 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ता न्यूनतम है जबकि 200 यूनिट तक मध्यम वर्गीय परिवार के उपभोक्ता बिजली का उपयोग करते है। 100 यूनिट के स्लैब को बंद कर उसको 40 यूनिट करना भाजपा सरकार के कथनी और करनी का जीताजागता उदाहरण है। सरकार ने बिजली कंपनियों के कुप्रबंधन भ्रष्टाचार और घाटे की भरपाई के लिये प्रदेश की जनता के जेब में डाका डाला है। बिजली कंपनियां घाटे में चलने के पीछे स्वयं मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार पूर्ण रूप से जवाबदार एवं दोषी है। मुख्यमंत्री के पास पिछले 12 वर्षों से ऊर्जा विभाग होने के बाद भी बिजली कंपनियां लगातार घाटे में चल रही है, इससे सरकार के काम काज पर सवाल खड़ा होता है। राज्य सरकार को चाहिये कि घाटे में चल बिजली कंपनी पर नकेल कसे। स्थापना व्यय कम करने की दिशा में पहल करे। प्रतिवर्ष बिजली के दाम बढ़ाये जाना प्रदेश के आम आदमी एवं किसानों के साथ-साथ छोटे एवं मंझोले उद्योगो के अस्तित्व पर खतरा पड़ जायेगा। राज्य सरकार बिजली के दाम बढ़ाये जाने के पहले प्रदेश की जनता से जनसुनवाई के माध्यम से राय जानती है पर उसे राय को दरकिनार कर वही दूसरी ओर बिजली के दाम बढ़ाने मे कोई कसर नहीं छोड़ती। भाजपा सरकार एवं छत्तीसगढ़ राज्य पावर वितरण कंपनी के कामकाज पर पहले भी सवालिया निशान उठे है। वितरण कंपनी के कुप्रबंधन के चलते पहले ही राज्य की जनता को महंगे बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा था और अब 11 से 14 प्रतिशत तक बिजली के दाम बढ़ाये जाना, जनता के साथ धोखाधड़ी एवं विश्वासधात है। कांग्रेस बिजली के दामों की वृद्धि का पुरजोर विरोध करेगी और आम जनता को राहत दिलाने के लिये राज्य सरकार एवं बिजली कंपनियों को दाम वापस लेने के लिये मजबूर करेगी।

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