राष्ट्रीय (28/05/2015) 
छत्तीसगढ़ को नरेन्द्र मोदी ने दिया सिर्फ उपेक्षा, अपमान और अन्याय: कांग्रेस
रायपुर । भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ को सिर्फ उपेक्षा, अपमान और अन्याय मिलने का आरोप लगाते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने विभिन्न बिंदुओं पर सिलसिलेवार जानकारी देते हुए कहा है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार के निर्णयों से सबसे ज्यादा नुकसान छत्तीसगढ़ के किसानों का हुआ है। मोदी सरकार ने आदेश निकाल कर कहा जो राज्य सरकार किसानों को फसल पर बोनस देगी वहां पर समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं की जायेगी। इस आदेश के कारण रमन सरकार को बोनस नहीं देने का बहाना मिल गया। विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में धान के समर्थन मूल्य पर 300 रू. प्रतिक्विंटल बोनस देने के वायदे से रमन सिंह मुकर गये। धान के समर्थन मूल्य खरीदी पर भी बंदिशे मोदी सरकार ने लगाया है । राज्य सरकार को जितनी आवश्यकता होगी उतना ही धान खरीदा जायेगा। यूपीए सरकार के 10 वर्षो में ऐसी कोई बंदिश नहीं थी तथा राज्य सरकारे यदि बोनस भी देती थी तो कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने कोई आपत्ति नहीं किया। यूपीए सरकार के कार्यकाल में 550 रू. के समर्थन मूल्य को 1360 रू. तक शनै-शनै किया था। पुनः एनडीए का शासन आया तो केवल 50 रू. प्रतिक्विंटल दाम ही बढ़ाया है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि मोदीराज में छत्तीसगढ़ के मजदूर किसानों को एक साल में मोदी सरकार ने पहुंचाया 4000 करोड़ का नुकसान हुआ है। 2012-13 में 71.36 लाख टन, 2013-1 में 79.72 लाख टन, 2014-15    में 63.08 लाख टन, 2014-15 में 2013-14 की तुलना में बेहतर फसल थी। फिर भी किसानों का 16.64 लाख टन धान कम खरीदा गया। यह धान किसानों को 900 से 1000 रूपये प्रति क्ंिवटल में बेचना पड़ा। औसत 400 रूपये प्रति क्ंिवटल की हानि हुयी। 665.6 करोड़ रूपये की हानि किसानों की हुई। इसके साथ सरकारी खरीद नहीं होने के कारण, 300 रूपये बोनस नहीं मिलने के कारण 499.20 करोड़ रूपये की हानि किसानों को हुयी, जो 63.08 लाख टन धान खरीदा गया, उसमें भी 300 रूपये बोनस नहीं मिला। इसमें किसानों को 1892.92 करोड़ की क्षति हुयी। इस प्रकार नरेन्द्र मोदी की एक साल की सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों से 3057.72 करोड़ रूपये छीन लिये। यह पैसा किसानों को मिलता तो छत्तीसगढ़ का उद्योग व्यापार जगत फूलता-फलता। कोल ब्लाक के मामले में भी छत्तीसगढ़ के हितों से मोदी सरकार ने खुला खिलवाड़ किया है। राजस्थान बिजली बोर्ड के माध्यम से अदानी को सौपे दो कोल ब्लाक सौप दिया गया। इसके पहले छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने राज्य के घरेलू उद्योगों के नाम पर भटगांव-प् और भटगांव-प्प् की खदानों को गडकरी के मित्र संचेती की कंपनी को सौप दिया गया, पहले संचेती और अब अदानी। छत्तीसगढ़ के उद्योगों के हितों के साथ खिलवाड़। गरीबों के राषन में भी दगा दिया भाजपा ने, मोदी सरकार ने गरीबों को मिलने वाले राषन पर कटौती कर दिया। 35 किलो मिलने वाला राषन 7 किलो हो गया, एपीएल परिवारों का राषन बंद हो गयी। प्रदेष कांग्रेस के महामंत्री और मीडिया विभाग के अध्यक्ष षैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि मोदी के भूमि अधिग्रहण से सबसे ज्यादा नुकसान छत्तीसगढ़ को हो चुका है। पुराने अधिग्रहित की गयी जमीनों के मुआवजे आज तक किसानों को नहीं मिले है जांजगीर, चांपा, बस्तर में उद्योगों के लिये जमीने अधिग्रहित की गयी लेकिन किसानों को मुआवजे नहीं मिले नया राजधानी में भी किसान मुआवजें के लिये भटक रहे है। प्रदेष कांग्रेस के महामंत्री और मीडिया विभाग के अध्यक्ष षैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ को माओवाद से लड़ने के लिये मिलने वाली केन्द्रीय सहायता घटा दी गयी। छत्तीसगढ़ को ए श्रेणी में राज्यों में रखने की मांग को मोदी सरकार ने नकार दिया है। इस वर्श छत्तीसगढ़ को सहायता में कटौती कर दी। देष में ऐसी पहली बार हुआ देष के बलिदान होने वाले जवानों की वर्दी कचरे के ढेर में फेंक दी गयी है। राजनाथ सिंह-चिंतागुफा के पास माओवादी एम्बुष में सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों के शहीद होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सुकमा जाने की बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई लेकिन आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने के लिए मामूली जख्मी जवानों को भी रायपुर बुला लिया गया ताकि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सुकमा न जाना पड़े। यू-टर्न मारना भाजपा का चरित्र बन चुका है। माओवादियों के एम्बुष में जवानों की शहादत के बाद कल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सुकमा जाने को बहुत प्रचारित किया गया और अचानक यू-टर्न मारते हुये सुकमा जाना स्थगित कर दिया गया था। आत्मरक्षा को प्राथमिकता देना और भय भले ही कारण न हो लेकिन घोषणा करके राजनाथ सिंह के सुकमा न जाने से वहाॅं की जनता और माओवादियों से लोहा ले रहे जवानों के मनोबल पर सकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड़ा। छत्तीसगढ़ में नकली दवाओं के और सरकार की लापरवाही के कारण नसबंदी कांड जैसे छोटे आपरेषन में महिलाओं की मौते हो गयी। बड़ी-बड़ी बाते करने वाले प्रधानमंत्री जो घटना के समय विदेष में थे ने सांत्वना के दो षब्द भी नहीं बोले मोदी विदेष घूम रहे थे, घूमते ही रहते हैं, केन्द्र से कोई मंत्री पीडि़तों को देखने छत्तीसगढ़ नहीं आया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा तक छत्तीसगढ़ नहीं आयें। प्रदेष कांग्रेस के महामंत्री एवं मीडिया विभाग के अध्यक्ष षैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों, आम आदमी से भी धोखा किया है। किसानों के काम में आने वाले यूरिया का मालभाड़ा 10 प्रतिषत बढ़ाया। खेती में काम आने वाली यूरिया की ढुलाई रेल के माध्यम से होती है, मोदी सरकार ने किसानों के काम में आने वाले यूरिया का मालभाड़ा 10 प्रतिषत बढ़ाया। छत्तीसगढ़ के संदर्भ में मनरेगा का विषेश महत्व है। लाखों मजदूरों को रोजी रोटी इस योजना से मिल रही थी मोदी ने इसमें भी कटौती कर दिया। मोदी ने अपने बड़बोलेपन में संसद में अपने भाशण में महात्मा गांधी राश्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का स्मारक बनाने की बात कही थी। स्मारक मृतको का बनाया जाता है। मोदी ने षायद जीवन में पहली बार सच बोला था। नरेन्द्र मोदी आदतन झूठे है। प्रदेष में 39.38 लाख जाॅब कार्ड होल्डर है जिनमे से 2014-15में सिर्फ 7.48 लाख को काम दिया गया। 2013-14 में 12,99,19,58 कार्य दिवस, 2014-15 में 5,51,85,838 कार्य दिवस, 7,47,33,744 कार्य दिवसों की कमी आयी। 160 रूपये दर से छत्तीसगढ़ के मजदूरों की यह क्षति 1195.74 करोड़ रूपयों की होती है। यही क्षति उद्योग व्यापार जगत को भी हुयी है। छत्तीसगढ़ के मजदूर किसानों से, उद्योग व्यापार जगत से नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 3057.72 ़ 1195.74 कुल 4253.56 करोड़ रूपये छीन लिये। 
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