राष्ट्रीय (30/05/2015) 
अघोषित बिजली कटौती से रायपुर की जनता त्रस्त
विद्युत इकाईयों को रख रखाव के नाम पर बंद रखने का षड़यंत्र: कांग्रेस
रायपुर । अघोषित बिजली कटौती के नाम पर रायपुर के अलग-अलग हिस्सों में समय समय पर बिजली कटौती की जा रही है। विशेष तौर पर गांव और पिछड़े इलाको के साथ शहरों में घंटों बिजली बंद रखी जा रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा ने आरोप लगाते हुये कहा कि प्रदेश की कई विद्युत इकाईयो को रख रखाव के नाम पर हमेशा बंद रखने का षड़यंत्र विद्युत कंपनियों का खेल लंबे समय से चल रहा है। प्राईवेट सेक्टर के विद्युत इकाईयो से बिजली खरीदने और उसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने तथा दूसरे राज्यो को अपनी बिजली सस्ते दामों पर बेचने के पीछे विद्युत कंपनियों में बैठे अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार का माध्यम बने हुये है। सरप्लस राज्य होने क बाद भी प्रदेश के शहरों के साथ गांव-गांव में बिजली कटौती के नाम पर घरेलू उपभोक्ता किसान मजदूर, छोटी औद्योगिक इकाईयां, बड़े उद्योग, सब बिजली कटौती के नाम से त्रस्त है। ऊर्जा विभाग जो कि प्रदेश की मुखिया डाॅ. रमन सिंह के अधीन ही है। उसमें विभागीय पकड़ कमजोर होने के कारण एवं स्थापना व्यय में कमी न करने के कारण तथा फिजूल खर्चो के कारण विद्युत कंपनियां लगातार घाटे पर चल रही है जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को महंगी बिजली खरीद करना पड़ रहा है। विद्युत कंपनियों के घाटे के पीछे राज्य सरकार के मुखिया डाॅ. रमन सिंह द्वारा अपने चहेतो को पिछले दरवाजे से विद्युत कंपनियों में संविदा नियुक्ति पर बैठा के रखा है। पर्याप्त अनुभव नहीं होने के कारण एवं भ्रश्टाचार में लिप्त होने के परिणाम स्वरूप विद्युत सप्लाई सुचारू रखने के लिये कोई भी कवायद नहीं की जा रही है। विद्युत विभाग 24 घंटे बिजली प्रदाय करने में असफल है ये बिजली कंपनी अपनी क्षमता के अनुरूप बिजली उत्पादन करने की ईमानदार प्रयास नहीं कर रही है। कांग्रेस मांग करती है कि राज्य सरकार अघोशित बिजली कटौती बंद कराने की दिशा में तत्काल कदम उठाये और बिजली कंपनियों के भ्रष्टाचार पर लगाम लगाये साथ ही बंद पड़े हुये बिजली घर को तत्काल सुधारने की व्यवस्था की जायें ताकि आम आदमी को 24 घंटे बिजली मिल सके। 
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