राष्ट्रीय (12/06/2015) 
अज्ञात व्यक्ति को 20 हजार में बेच कर कराया जानवरों की तरह काम
ट्रेन से अपने घर जा रहे एक युवक को अज्ञात व्यक्ति ने झाँसी के पास स्थित एक होटल मालिक को 20 हजार रुपये में बेंच दिया ! जहाँ युवक को बधुआ मजदूर बनाकर न केवल जानवरों की तरह काम कराया जाता था बल्कि घर जाने के नाम पर युवक को बेरहमी से मारा पीटा भी जाता जाता था ! किसी तरह युवक भाग कर महोबा पहुंचा और अपने बधुआ मजदूर होने की दास्तान बताई !
लोगों से अपना दर्द बताता यह सख्स है नफीस ! जो पिछले 4 माह से अपनों से दूर रहा ! आँखों से झलकता डर इसके साथ घटित कहानी को खुद बयां कर रहा है ! दरअसल नफीस हमीरपुर जनपद के क़स्बा मुस्करा का रहने वाला है ! नफीस के पिता फज्जु मजदूरी कर अपने परिवार को पालते है ! बीते 4 माह पूर्व नफीस अपना इलाज कराने हुसैन टेकरी गया हुआ था जहाँ ट्रेन से लौटते समय शिरडी में उसकी मुलाकात ट्रेन में ही एक अनजान युवक से हो गई ! और युवक उसे बहला फुसलाकर अपने साथ झाँसी ले गया ! जहाँ युवक उसे एक होटल में लेकर पहुंचा और नफीस को 20 हजार रुपये में होटल मालिक को बेंच कर चला गया ! अनपढ़ नफीस की माने तो उसे उस होटल का न तो नाम पता है और न ठिकाना वह बस इतना जानता है कि होटल झाँसी जनपद के आसपास है ! नफीस ने बताया कि वो होटल अच्छा नहीं है वहां गंदे लोग आते है और गन्दा काम करते है ! वहां जिस्म फरोसी का काम होता है ! नफीस से जानवरों की तरह होटल में दिन रात काम कराया जाता था ! घर जाने को बात पर उसे बेरहमी से मारा पीटा जाता ! होटल मालिक कहता कि 20 हजार में खरीदा है पहले उतना काम करो ! नफीस ने बताया कि उसके ही तरह 4-5 लोग और भी है जिन्हें बधुआ मजदूर बनाकर काम कराया जा रहा है !
होटल में बंधक बने नफीस को होटल मालिक द्वारा अमानवीय व्यवहार किया जाता था ! उसके साथ आये दिन मार पीट होती थी ! घर की याद में नफीस को बैचेन और उसके साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार देख होटल के एक कर्मी को तरस आ गया और उसने उसे होटल से भाग जाने में मदद की ! होटल से भाग कर नफीस पैदल ही खेतों के रास्ते झाँसी शहर पहुंचा और अपने ननिहाल महोबा के लिए साधन देखने लगा ! तभी उसे एक कार दिखी जिसमे UP-95 देख उसने कार ड्राइवर से उसे महोबा तक छोड़ने की विनती की और नफीस देर शाम महोबा पहुंचा ! नफीस के मिलने की खबर पाकर उसके पिता फज्जु भी महोबा पहुंचे और अपने खोये हुए बेटे को गले से लगा लिया ! नफीस ने अपने पिता से अपनी बाप बीती बताई ! बंधक नफीस अपने को आज़ाद देख खुश है ! नफीस की आपबीती सुन सभी हैरान है ! नफीस के पिता उसे अपने साथ अपने घर मुस्करा ले गए !

भले ही नफीस उस होटल से बच कर भाग आया है मगर अभी भी नफीस की ही तरह और भी लोग बधुआ मजदुर बनकर जानवरो की तरह उस होटल में काम कर रहे है ! नफीस को तो आज़ादी मिल गई पर इन्हें आज़ादी कब मिलेगी यह एक बड़ा सवाल है !

इरफ़ान पठान समाचार वार्ता महोबा

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