राष्ट्रीय (12/06/2015) 
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई को झोलाछाप डाक्टर ने दिखाया ठेंगा
मैं मानू या ना मानू, ये मेरी मर्जी
बीती देर शाम दो अस्पतालों के चिकित्सकों पर हुआ था केस दर्ज
केस दर्ज होने के बावजूद बेखौफ चल रहा है अस्पताल
कार्रवाई के बावजूद नहीं रूक रही झोलाछाप डाक्टरों की मनमानी

रेवाड़ी। रेवाड़ी शहर में झोलाछाप डाक्टरों की हिम्मत की बानगी देखिए कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई करने के बावजूद धड़ल्ले से बेखौफ अस्पताल खुले हुए हैं। अब स्वास्थ्य विभाग और पुलिस एक दूसरे पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। 
हम आपको बता दें कि बीती देर शाम स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए शहर के पुराना कोर्ट रोड पर बिना किसी डिग्री के चल रहे दो अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की थी तथा माडल टाऊन थाना पुलिस को शिकायत देकर दोनों कथित चिकित्सकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन आज सुबह एक अस्पताल संचालक ने स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई को ठेंगा दिखाते हुए अपना अस्पताल रोज की तरह खोल लिया।
तस्वीरों में आप जिस चिकित्सक को देख रहे हैं उसकी बेशर्मी देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। जरा गौर से सुनिए इस कथित झोलाछाप डाक्टर को। डाक्टर साहब ने हरिराम चर्मरोग अस्पताल के नाम से अपनी दुकान खोली हुई है, लेकिन इनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही स्वास्थ्य विभाग से इस तरह का अस्पताल खोलने की कोई अनुमति ही है। इनके पास अगर कुछ है तो ऐसी डिग्री जिसे न तो हरियाणा सरकार ने कोई मान्यता दी हुई है और न ही उसे जिला स्वास्थ्य विभाग ही मानता है। मगर फिर भी बेखौफ शासन व प्रशासन को ठेंगा दिखा रहा है यह झोलाछाप डाक्टर।
अब अगर बात करें स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई की तो जैसे ही बीते दिन विभाग ने अपनी कार्रवाई शुरू की तो यहां चल रहे इसी तरह के दर्जनों अस्पतालों के संचालक अपनी दुकानें बंद करके वहां से भाग निकले। ऐसे में दो अस्पताल संचालक ही पकड़ में आए। 
ऐसा नहीं है कि यह कोई नया मामला है। इस कार्रवाई से यह साफ जाहिर होता है कि जब स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे ही झोलाछाप डाक्टर इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं तो पूरे जिले का क्या हाल होगा।
इस मामले को लेकर सिविल सर्जन का कहना है कि उनकी यह कार्रवाई इसी तरह जारी रहेगी। उन्होंने दोनों अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस को शिकायत दे दी थी। अब पुलिस को चाहिए कि दोनों के खिलाफ कार्रवाई कर दोनों को अदालत में पेश करे और अगर ऐसा कुछ नहीं होता है तो यह पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्रचिन्ह है।
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