राष्ट्रीय (26/06/2015) 
एनजीओ का नाम बदले जाने से अन्ना नाराज

रालेगण सिद्धि । अन्ना हजारे ने अपने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) का नाम बदले जाने पर आपत्ति जताई है। गांधीवादी कार्यकर्ता ने पुणे के धर्मार्थ आयुक्त के उस कदम पर नाराजगी जताई है, जिसमें उनके एनजीओ 'भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन महाराष्ट्र' के नाम से 'भ्रष्टाचार' शब्द ही हटा दिया गया है। हजारे ने कहा कि इस संबंध में अभी हमें कोई नोटिस (सूचना) नहीं मिला है, मिलने पर कानून का सहारा लिया जाएगा।

हजारे ने बताया कि उन्हें पता चला है कि यह आदेश सिर्फ मेरे संगठन ही नहीं, बल्कि 16 उन एनजीओ पर भी लागू किया गया है, जिनके नाम में 'भ्रष्टाचार' शब्द लगा हुआ है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्धि में गुरुवार को कहा, 'सरकार को भ्रष्टाचार पर काबू करना चाहिए। चूंकि सरकार इसमें सफल नहीं हो पा रही है, इसलिए हमारे जैसे संगठन आगे आए हैं।'

उन्होंने कहा, 'हमारे संगठन की कार्यशैली पारदर्शी है। जब संगठन का गठन किया गया था, तब इस तरह की आपत्ति क्यों नहीं की गई थी। हमें अब तक कोई नोटिस नहीं मिली है। नोटिस मिलने के बाद हम इस पर कानूनी राय लेंगे और जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

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