राष्ट्रीय (03/07/2015) 
महाराष्ट्र सरकार ने मदरसों की स्कूल के रूप में मान्यता की रद्द
मुंबई। एक विवादास्पद फैसले के तहत महाराष्ट्र की भाजपा-शिवसेना सरकार ने प्रदेश के सभी मदरसों की 'स्कूल' के रूप में मान्यता रद्द कर दी है। मिली रिपोर्टाे के अनुसार, प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि मदरसों को स्कूल नहीं माना जाएगा क्योंकि इनमें औपचारिक शिक्षा नहीं दी जाती है। सरकार का मानना है कि इनमें सिर्फ धार्मिक शिक्षा दी जाती है। उल्लेखनीय है कि मदरसे वे संस्थान हैं जहां मुस्लिम बच्चों को शिक्षा दी जाती है। ये नियमित स्कूलो से अलग होते हैं क्योंकि ये औपचारिक शिक्षा के पाठ्यक्रम पर नहीं चलते हैं और सीबीएससी जैसे शिक्षा बोर्डाे से भी संबंद्ध नहीं होते हैं। राज्य सरकार ने मदरसों को गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषय पढ़ाने का फरमान जारी किया था, लेकिन आदेश की पालना नहीं होने के कारण ही सरकार ने इनकी मान्यताओं को रद्द करने का फैसला किया। प्रदेश सरकार के नए आदेश के मुताबिक, सिर्फ उन्हीं मदरसों को फंड जारी किए जाएंगे जो औपचारिक स्कूली पाठयक्रम पर चलेंगे। नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014-15 के केंद्रीय बजट में मदरसों के आधुनीकरण के लिए 100 करोड़ आवंटित किए थे।
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