राष्ट्रीय (06/07/2015) 
जान की परवाह किये बिना बसो की छत पर चढ़कर सृद्धालु कर रहे सफर
अधिक मास का महीना हो और लोगों का जोश कम हो ऐसा नहीं हो सकता, जैसे जैसे भीड बड़ रही है प्रसासन की मुश्किले कम होने की बजाय बढ़ती नज़र आ रही है क्योंकी गोवर्धन की परिक्रमा को लेकर पब्लिक इस कदर टूट पड़ी है उनको सम्भालना मुश्किल हो रहा है और अधिकारी अपना बचाव कर रहे है।
मथुरा का एक अलग ही नज़ारा देखने लायक होता है जब अधिक मास की परिक्रमा होती है बाहर से आने बाले श्रदालु इस कदर सफ़र करते है गर्मी की परवाह किये बिना बस की छतो पर बैठ कर सफर करते है, इतना जानते हुए भी की ये लोग अपनी जान से खिलवाड़ कर रहे है मगर इनके साथ साथ प्रसासन भी अनदेखी कर रहा रहा है यहाँ तक की परिवहन विभाग ने भी अपनी आँखे बंद कर रखी है क्यों की ये बस विभाग को 1 महीना का किराया उपहार स्वरूप् देते है इसलिए वो अपनी मनमानी करते है,  जब ए आर एम से बात की तो उन्होंने भी अपना बचाव करते हुए बताया की जब ट्रैफिक जाम हो जाता है तो पब्लिक ज्यादा होती है तो जो बस लगी होती है उसी में चढ़ जाते है और ये लोग किसी की नहीं मानते है जब की रोडवेज ने लगभग 250 बसे संचलित की हुई है उसके बाद भी रूफ राइडिंग नहीं रुक पा रही है,
अब देखना होगा की प्रसासन की नींद कब खुलती है,प्रशासन किसी हादसे का इंतज़ार कर रहा है या जान बूझकर ये सब जानबूझ कर हो रहा है,

मथुरा से मदन सारस्वत की रिपोर्ट 
Copyright @ 2019.