राष्ट्रीय (09/07/2015) 
सोयाबीन के लिये किसानों को सलाह
इंदौर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की सोयाबीन अनुसंधान निदेशालय इन्दौर द्वारा सोयाबीन के लिये किसानों को सलाह जारी की गई है।
किसानों से कहा गया है कि गत 5-6 दिनों में जहां सोयाबीन की बोवनी हुई है, वहां पर सूखे की स्थिति में सिंचाई की जाये, जिससे सोयाबीन का अंकुरण पूर्णरूपेण निश्चित हो सके। अंकुरित हो रहे सोयाबीन बीजों को पक्षियों के चुगने से बचाने के लिये पक्षी उड़ाने की व्यवस्था की जाये। जहां सोयाबीन की फसल 15 दिन की हो गई है, वहां वर्तमान में 8-10 दिन वर्षा का इंतजाम किया जा सकता है।
किसानों से कहा गया है कि सूखे के दृष्टिगत 15 दिन की सोयाबीन की फसल को डोरा, कल्पा, हस्तचलित हो, आदि से अन्तः कर्षण करें, जिससे मृदा नमी की हानि नहीं हो। सूखे से बचने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जैविक मल्च की उपलब्धता की स्थिति पर सोयाबीन कतारों के बीच में 5 टन प्रति हेक्टेयर की दर से मल्च उपयोग करें। 15 दिनी फसल में खरपतवार नियंत्रण आवश्यक है।
Copyright @ 2019.