राष्ट्रीय (11/07/2015) 
राहुल के भांजे ने गुपचुप घूमी अमेठी, क्या है मकसद?

अमेठी । देसी आम क्या होता है? यह दशहरी से कैसे अलग है? गौरीगंज के कौहान गांव के पूर्व प्रधान से ये सवाल थे प्रियंका गांधी के बेटे रेहान वाड्रा के। प्रधान ने दिल्ली में रहने वाले रेहान के कौतूहल भरे सवालों का पूरी तल्लीनता और विस्तार से जवाब दिया। रियान पांच से आठ जुलाई के बीच अमेठी में थे। वह और उनकी बहन मिराया के गोपनीय दौरे यहां लगातार हो रहे हैं।

इस बार जब रेहान अमेठी आए तो उनका यह दौरा गोपनीय नहीं रहा। उनके इस प्रवास के फोटोग्राफ जब से सोशल साइट्स पर सार्वजनिक हुए हैं, अमेठी-रायबरेली से लेकर लखनऊ और दिल्ली के सियासी हलकों में हलचल मच गई। गांधी परिवार के करीबी कांग्रेसियों का कहना है, 'आम ग्रामीण जीवन क्या होता, बच्चे उसे समझने के लिए आते हैं। हालांकि रेहान राजनीति में भी दिलचस्पी लेते हैं, जिसकी झलक उनके फेसबुक पेज पर मिलती है।

पूर्व प्रधान के घर बीती रात, खाई रोटी-सब्जीरू सात जुलाई को गौरीगंज के कौहान गांव पहुंचे रियान ने रात पूर्व प्रधान राम अवध पाण्डेय के घर में बिताई। वह अपने दोस्तों के साथ आए थे। रात को खाने में दाल, चावल, आलू परवल की सब्जी और रोटी बनी थी। साथियों ने तो घी लगी रोटी के साथ दाल चावल भी खाया, लेकिन रेहान ने केवल रोटी और सब्जी ही खाई। सुबह नाश्ते के बाद उनके सामने आम रखे गए।

दशहरी काट कर रखे गए थे, जबकि देसी आम परात में पानी के अंदर थे। रेहान को कुछ समझ नहीं आया। उन्होंने दोनों आम का अंतर पूछा। राम अवध ने बताया कि कटे वाले कलमी है और पानी वाले देसी। रियान और उसके साथियों ने पूछा कि क्या फर्क होता है दोनों में?

तब राम अवध ने दोनों के पेड़ दिखा कर अंतर समझाया। आम खाने के बाद कुछ देर रेयान वहां रुके और फिर मुंशीगंज गेस्ट हाउस होते हुए साथियों के साथ वापस चले गए। यह दौरे लगातार हो रहे हैं और इन्हें बहुत ही गोपनीय रखा जा रहा है।

15 साल के हो रहे रेहान के इस दौरे का जिक्र लोग गांधी परिवार के सियासी भविष्य के तौर पर कर रहे हैं। चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। पुराने कांग्रेसी भी कहते हैं कि यह गांधी परिवार की परंपरा रही है। परिवार के करीबी कांग्रेसियों के मुताबिक प्रियंका गांधी ने अपने बच्चों (रेहान और मिराया) को गांव वालों के बीच रह कर उनका दुरूख दर्द नजदीक से समझने की नसीहत दी है।

इंदिरा गांधी जब रायबरेली की सांसद होती थीं, तब भी संजय गांधी और राजीव गांधी इसी तरह उनके संसदीय क्षेत्र के गांवों का भ्रमण करते रहते थे। राजीव के समय राहुल और प्रियंका भी अमेठी और रायबरेली आते थे। रेहान और मिराया भी उसी परंपरा का पालन कर रहे हैं।

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