राष्ट्रीय (18/07/2015) 
भारतीय रोप जम्पर पेरिस में धूम मचाने के लिए बेताब
10 दिवसीय वर्ल्ड जम्प रोप चैंपियनशिप  20 जुलाई से शुरू

नई दिल्ली :-  पेरिस के आगामी वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार भारतीय रोप जम्पर पर  इस खेल के  परिदृश्य में  पूरी दुनिया की नजर है।  10 दिवसीय विश्व चैंपियनशिप पेरिस में 20 जुलाई से शुरू हो रहा है।  जम्प रोप फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ( जेआरएफआई) की देखरेख में प्रशिक्षित भारतीय रोप जम्पर के बारे ऐसा माना जा रहा है कि वे पेरिस में अच्छी संख्या में गोल्ड मेडल जीतेंगे।  जीतने के जज्बे से लबालब ये रोप जम्पर मानो  कह रहे हैं - पेरिस में गोल्ड के लिए कुछ भी करेगा  भले ही  इस खेल में अमेरिका, जापान , फ्रांस और इंग्लैंड के मुकाबले भारत को जुम्मा जुम्मा 7 साल ही हुए हों लेकिन किसी से कम नही आंके जा रहे हैं ।  जापान ने अगर रोप जंपिंग में एक्रोबेटिक्स की कलाकारी का समन्वय किया है , तो भारतीय रोप जम्परों ने उसमें भंगड़ा का तड़का लगा दिया है। 
जम्प रोप फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की महासचिव सुनीता जोशी उत्साह  से लबालब हैं।वे कहती हैं - हमारी लड़के लड़कियां पेरिस  से कम से कम 6 गोल्ड जीत कर लाएंगी। पहले ही वे उपलब्धियों के  कई  मुकाम तय कर चुके हैं। वे पिछले कई स्पर्धाओं में अपने जलवे दिखा चुके हैं।  पूरी संभावना है कि यह विश्व चैंपियनशिप भारत के रोप जंपिंग इतिहास में एक नया अध्याय साबित होगा
'19 जुलाई को पेरिस जा रही भारतीय रोप जंपिंग टीम में 10 लिस्टेड जम्पर हैं और उनके साथ फेडरेशन के 5 अधिकारी भी जायेंगे।  प्रतियोगिता में भाग लेने के साथ साथ उन्हें ट्रेनिंग कैंप में भी भाग लेने का मौका मिलेगा।
पेरिस जाने वाली टीम में जो रोप जंपर्स शामिल हैं , वे हैं - कुस्तुभ कुमार ( पुरुष, महाराष्ट्र ), शांतनु पाटिल ( पुरुष , महाराष्ट्र ), आयुष मंकर (पुरुष , महाराष्ट्र ), अनिमेष भावशाल (पुरुष महाराष्ट्र ), प्रदन्या घोड़पड़े (लड़की  , महाराष्ट्र ), इबरार खान ( पुरुष , जम्मू कश्मीर ), शेषवल्ली मुदेबिल ( पुरुष , कर्नाटक ) , मल्लप्पा गोडी ( पुरुष , कर्नाटक ), सुशील सोनोने ( पुरुष , मध्य प्रदेश ) और सौम्या अग्रवाल (लड़की , मध्य प्रदेश )  
ये भारतीय रोप जम्पर टीवी के कार्यक्रमों  सोनी टीवी के 'एंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा' और कलर के ' इंडिया हैज़ गॉट टैलेंट ' में अपनी अमिट छाप छोड़ चुके हैं।  वे कई विश्व स्तरीय रिकॉर्ड भी जीत जीत चुके हैं।  भारत में इस खेल को २००८ में मान्यता मिली लेकिन इतने कम समय में ही इस देश ने इस खेल के वैश्विक परिदृश्य में अपने को मजबूती से दर्ज कर लिया है।  इनका उत्साह बढ़ने के लिए भले ही कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही हो लेकिन यह सुनीता जोशी के जज्बे का ही कमाल है कि यहाँ के रोप जम्पर रुकने का नाम नहीं ले रहे।  सुनीता जोशी के नेतृत्व में जम्प रोप फेडरेशन ऑफ़ इंडिया दक्षिण एशिया में नंबर वन फेडरेशन के रूप में खड़ा हो गया है। सुनीता जोशी कहती हैं - भारतीय रोप जम्पर किसी से कम नहीं हैं।  दुनिया के जाने मने माइक सिम्पसन, कारमेन , क्रिस्टाइन और स्टीवर्ड जैसे रोप जम्पर भी मानते हैं कि भारत के रोप जम्पर में कोई खास बात है।  वैश्विक रस्सी पर भारतियों की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है।  हमारे 12 जम्पर 2010 में यूके में हुए विश्व चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं जिसमे उन्होंने 6 ब्रॉन्ज़ मेडल भी जीते। जोशी आगे कहती हैं - भारतीय जम्परों की टीम ने पूरी दुनिया को चमत्कृत किया है।  इंडिया हैज़ गॉट टैलेंट, गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड , लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में भी अपनी अमिट छाप छोड़ दी है। वर्ष 2008 से जम्प रोप फेडरेशन ऑफ़ इंडिया अबतक एक लम्बी दूरी तय कर चुकी है। यह फेडरेशन अब तक 28 राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों को इस खेल के लिए जोड़ चुका है।  यह फेडरेशन अब 3 जम्प रोप नेशनल चैंपियनशिप - सब जूनियर, जूनियर एवं सीनियर और फेडरेशन कप/ डबल डच कम्पटीशन हर साल आयोजित करता है।  भारत में यह फेडरेशन कई अंतर्राष्ट्रीय कैंप करवा चुका है जिसमें अमेरिका , फ्रांस , जापान व यूके के नमी गिरामी जम्पर भाग ले चुके हैं।
आधुनिक अर्थ में लें तो भले ही रोप जंपिंग का भारत का इतिहास बहुत छोटा हो लेकिन प्राचीन भारतीय संस्कृति में यह खेल रचा बसा रहा है - राधा कृष्ण भी इस खेल का आनंद लेते थे।  क्या पता इस खेल का जन्म भी इसी देश में हुआ हो।
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