राष्ट्रीय (19/07/2015) 
शिक्षा ऐसी हो जिससे उच्च चरित्रवान व्यक्तियों का निर्माण हो-कप्तान सिंह
किसी भी राष्ट्र की शिक्षा उस राष्ट्र का दर्शन है। इसलिए शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिससे उच्च चरित्रवान व्यक्तियों का निर्माण हो क्योंकि व्यक्ति का निर्माण हो जाएगा तो देश का निर्माण अपने आप हो जाएगा। यह बात हरियाणा व पंजाब केे राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने आज यहां 'शिक्षा जगत में चुनौतियां व अवसर विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में बोलते हुए कही। व्याख्यान का आयोजन सर्वहितकारी शिक्षा समिति चण्डीगढ व पंजाब ने अपने वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर शारदा सर्वहितकारी माडल स्कूल, सेक्टर 40 में किया था। यह व्याख्यान लौहपुरूष लाला लाजपतराय की 150वीं जयंती को समर्पित था।
प्रो0 सोलंकी ने कहा कि शिक्षा को देखकर देश की हालत का पता चल जाता है। ऐसा ही निष्कर्ष भारत की आजादी के बाद शिक्षा में सुधार के लिए बनाए गए सब आयोगों ने भी निकाला था। उनका कहना था कि यदि देश के भविष्य को देखना है तो क्लासरूम में जाकर देखें।
राज्यपाल ने कहा कि आज हम भारत के सर्वागीण विकास की बात करते हैं लेकिन यह बात अधिक महत्वपूर्ण है कि उस विकास को करने वाला आदमी कैसा है। केवल भौतिक विकास की शिक्षा देने से देश विकसित नहीं हो जाता। इसके लिए हमें देश के लिए मर-मिटने वाले व्यक्ति पैदा करने होंगे और यह काम शिक्षा के जरिए ही किया जा सकता है और ऐसे चरित्र का निर्माण ही शिक्षा की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि  आज की भ्रष्टाचार, आतंकवाद आदि समस्याएं कानून से नहीं बल्कि चरित्र से मिटेंगी।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की एक अन्य चुनौती शिक्षा का वर्तमान प्रारूप है। यह व्यक्ति के अंत:करण का विकास नहीं करती। इसीलिए हम स्वार्थवादी हो गए हैं। हृदय की विषालता कहीं खो गई है। डा0 राधाकृष्णन ने आध्यात्मिक मानव की बात की थी लेकिन हम सुपरमैन की कल्पनाओं में खोए हैं। आज की शिक्षा में शिक्षित युवक जब शिक्षण संस्थान से बाहर आता है तो अपने-आपको ऐसे चौराहे पर खड़ा पाता है जहां उसे पता नहीं होता कि किधर जाना है। इसीलिए आज प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शुरू की गई है जिससे देश को बड़ी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा राजनीति नहीं बल्कि राष्ट्रनीति होती है। हमारे देश को राजाओं ने नहीें बल्कि संतों ने बनाया है। इसलिए सरकार बदलने पर राष्ट्रनीति नहीं बदलनी चाहिए।
इससे पहले राज्यपाल ने लौहपुरूष लाला लाजपतराय को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने अक्षय कोष में अपने स्वैच्छिक कोष से दस लाख रूपये की राषि प्रदान करने की घोषणा की। अक्षय कोष की स्थापना सर्वहितकारी शिक्षा समिति ने आर्थिक रूप से कमजोर स्कूलों की मदद के लिए की है। उन्होंने पंजाब शिक्षा बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाली कुमारी निताषा अग्रवाल को 11 हजार रूपये की राषि प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने विद्यालय के प्रांगण में पौधारोपण भी किया।
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