राष्ट्रीय (25/07/2015) 
लाइफ स्किल्स के विकास हेतु 'आकार' प्रदर्शनी का हुआ आयोजन
महर्षि दयानंद के आदर्शो पर संचालित डी. ए. वी. सेंटेनरी पब्लिक स्कूल शास्त्री नगर, मेरठ में आज पैरेंट्स टीचर मीटिंग के अवसर पर कक्षा चार से कक्षा आठ तक के छात्रों द्वारा 'आकार' प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, धर्मशिक्षा, कंप्यूटर एवं आर्ट्स और क्राफ्ट आदि विषयो के सभी विभागों ने भाग लिया।
इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण में उपस्थित मुख्य अतिथि मेरठ डी.आई.जी. महेश मिश्रा तथा अन्य अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्या डाॅ0 अल्पना शर्मा ने किया। प्रदर्शनी का शर्मा रंभ मेरठ डी.आई.जी. के कर कमलों द्वारा रिबन काटकर किया गया। 
प्रदर्शनी में सभी विषयो के अलग-अलग पांडाल लगे हुए थे। प्रवेश द्वार पर सामाजिक विज्ञान का पांडाल था जिसमें प्राचीनकालीन सभ्यता से लेकर आधुनिक काल की सभ्यता तक को पाशाणकालीन वस्तुओं, व्हील, घरों, आदिमानव आदि को विभिन्न माॅडल्स एवं चार्ट पेपर्स के माध्यम से प्रदर्शित किया। इसमें सुश्रुत की शल्य चिकित्सा के माॅडल द्वारा यह भी दर्शाया गया कि आधुनिक शल्य चिकित्सा प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति का ही विकसित रूप है। अंग्रेजी विशय के अंतर्गत आधुनिक शिक्षा प्रणाली में आए परिवर्तन को विभिन्न माॅडल्स एवं चार्ट पेपर्स के माध्यम से, गणित विषयो में विभिन्न गणितज्ञों, विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों आदि के माॅडल्स द्वारा अनुशासन, सहभागिता, समस्या समाधान, सकारात्मक सोच जैसे जीवन मूल्यों को, साइंस में होम मेड ए.सी, हाइड्रो डैम, सोलर एवं विंड एनर्जी, इको टैरस गार्डन द्वारा जागरुकता, कल्पना शीलता, रचनात्मकता आदि जीवन मूल्यों को अत्यंत सुरुचि एवं कलात्मकतापूर्ण तरीके से प्रदर्शित किया गया। हिंदी, संस्कृत एवं धर्मशिक्षा विषय के अंतर्गत कृश्ण-सुदामा के द्वारा मित्रता, सरदार भगतभगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, बिरसा मुंडा, दांडी मार्च, स्वतंत्र भारत की कहानी, स्वामी दयानंद, महात्मा हंसराज आदि के माध्यम से आर्य समाज के आंदोलन तथा सामाजिक बुराइयों को दूर करने में उनका योगदान, कर्म ही जीवन है तथा सुख-दुख इसके दो पक्ष हैं आदि जीवन मूल्यों को विभिन्न माॅडल्स, चार्ट पेपर्स के अतिरिक्त छात्रों द्वारा लाइव प्रदर्शित भी किया गया। आई. टी. विभाग भी इसमें पीछे नहीं रहा। उन्होंने सभी के साथ कदम से कदम मिलाते हुए पिक्चर, एमिनेशन तथा पाॅवर पाॅइंट प्रैजेंटेंशन किया। 
भावनाओं की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम आर्ट्स और क्राफ्ट है। इसमें बच्चों द्वारा निर्मित अनेक कलाकृतियाँ, कसीदाकारी, पेंट्ग्सि और पाॅट्स आदि सभी अभिभावकों का मन मोह रहे थे। प्रदर्शनी में सभी बच्चों का जोश, उत्साह और सहभागिता सराहनीय रही। सभी छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
प्रधानाचार्या डाॅ0 अल्पना शर्मा ने कहा कि प्रदर्शनी का उद्देशय बच्चों में लाइफ स्किल्स और सार्वभौमिक जागरुकता का विकास करना है। इससे बच्चों में परस्पर सहभागिता, आगे बढ़कर सभी कार्यों में भाग लेने की प्रवृत्ति जाग्रत होती है, जिससे उनके अंदर अनुशासन, समस्या समाधान, सकारात्मक सोच, कल्पनाशीलता, रचनात्मकता, मित्रता, देशभक्ति और कलात्मकता जैसे गुणों का विकास होता है। बच्चों की सराहना करते हुए उन्होंने अध्यापकों के सहयोग की भी प्रशंसा की।
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